करतारपुर साहिब जाने के लिए वीजा की जरूरत नहीं होगी, पाकिस्तान ने मांगी मांग..

अमृतसर: करतारपुर साहिब कॉरिडोर पर भारत और पाकिस्तान के बीच जारी बातचीत के दौरान पाकिस्तान ने भारत के एक बड़े मांग को मान लिया है. अब भारतीय सिख श्रद्धालुओं को करतारपुर साहिब जाने के लिए वीजा की जरूरत नहीं होगी. हर दिन लगभग पांच हजार श्रद्धालु करतारपुर साहिब में जाकर मत्था टेक सकेंगे. इसके साथ ही पाकिस्तान ने अन्य मुद्दों पर भी भारत को समर्थन देने का एलान किया है. पाकिस्तान ने कहा है कि करतारपुर कॉरिडोर में किसी प्रकार की भारत विरोधी गतिविधि नहीं होगा. यह बैठक दोपहर बाद खत्म होगी और इसके बाद भारतीय अधिकारी 2 बजे मीडिया को संबोधित करेंगे.

बता दें कि आज पाकिस्तान के वाघा बॉर्डर पर भारत और पाकिस्तान के अधिकारी बातचीत कर रहे हैं. पिछली बैठक 14 मार्च को अटारी यानि भारत की सीमा के अंदर हुई थी. गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के लिए दोनों देश इस कॉरिडोर को श्रदालुओं के लिए खोलने पर काम रहे हैं, लेकिन अभी भी दोनों देशों के बीच इंफ्रास्ट्रक्चर और यात्रा की शर्तों पर मतभेद कायम हैं.

भारत की मांग-

भारत की मांग है कि इस कॉरिडोर में श्रद्धालुओं से कोई फीस नहीं ली जानी चाहिए. अभी तक पाकिस्तान दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के लिए वीजा की तर्ज पर परमिट जारी करने पर तैयार था और इसके लिए फीस की शर्त रख रहा था. वहीं, आस्था को देखते हुए भारत श्रद्धालुओं को पैदल जाने की अनुमति चाहता है जबकि पाकिस्तान श्रद्धालुओं को बस में लेकर जाने की इजाजत देने को राजी है.

वहीं, भारत चाहता है कि पाकिस्तान की तरफ से जीरो लाइन पर पुल बनाना चाहिए, लेकिन पाक पुल बनाने को तैयार नहीं है. इसके साथ ही भारत चाहता है कि एक या दो व्यक्ति को भी करतारपुर जाने की इजाजत मिले, लेकिन पाकिस्तान कम से कम 15 लोगों के ग्रुप को एंट्री देने के पक्ष में है. भारत की मांग है कि यात्रा सप्ताह के सातों दिन खुली रहे, लेकिन पाकिस्तान हफ्ते में कुछ दिन ही यात्रा की इजाजत देने को राजी है. इससे पहले पाकिस्तान दिन में सिर्फ 500 से 700 श्रद्धालुओं को अनुमति देने पर अड़ा था.

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