दिल्ली: आम्रपाली समूह से घर खरीदने वाले 42,000 से ज्यादा ग्राहकों के लिए आज अच्छी खबर आई है। सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली का रेरा रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है और उसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय को सौंपने का आदेश सुनाया है। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने ऐतिहासिक फैसले में सरकारी निर्माण कंपनी एनबीसीसी को आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्ट पूरे करने की जिम्मेदारी सौंपी है।
सुप्रीम कोर्ट ने धोखाधड़ी और घर खरीदारों के धन की हेराफेरी करने के लिए आम्रपाली ग्रुप का रेरा के तहत रजिस्ट्रेशन को रद्द करने का फैसला सुनाया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी द्वारा आम्रपाली प्रोजेक्ट्स को दी गई सभी लीज को भी रद्द कर दिया है।
सोमवार को सुनाए गए अपने अंतिम फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने एक कोर्ट रिसीवर भी नियुक्त किया है, और कहा है कि आम्रपाली प्रोजेर्क्स के सभी अधिकार अब उसके पास होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि सभी लटके हुए आम्रपाली प्रोजेक्ट्स का काम नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) पूरा करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को निर्देश दिया है कि वह आम्रपाली ग्रुप के अधिकारियों और निदेशकों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू करे। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को आम्रपाली समूह की सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। पहले हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आम्रपाली ग्रुप अब प्रोजेक्ट से बाहर होगा और यह काम किसे दिया जाए, इस बारे में अदालत निर्णय लेगी।