केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि वह सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर ‘अश्लील भाषा’, ‘अपवित्रता’ और ‘बुरे शब्दों’ का इस्तेमाल करने को लेकर नियम और कानून बनाएगी. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक रिपोर्ट दायर कर कहा कि उसने वेब सीरीज ‘कॉलेज रोमांस’ से संबंधित मामले में कोर्ट की टिप्पणियों पर ध्यान दिया है
मंत्रालय ने कहा कि सोशल मीडिया को रेगुलेट करना एक नीतिगत निर्णय है, और इसलिए आगे चलकर उचित नियम लागू किए जाएंगे. कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा दायर स्टेटस रिपोर्ट की जांच की और पाया कि चूंकि यह एक नीतिगत निर्णय है, इसलिए यह अदालत के आदेश का पर्याप्त अनुपालन है. साथ ही इस कोर्ट को आश्वासन दिया गया है कि उक्त निर्णय के माध्यम से व्यक्त की गई कोर्ट की चिंताओं को भविष्य के नियमों और रेगुलेशन में शामिल किया जाएगा जो जल्दी ही लागू किए जाएंगे.
सुनवाई के दौरान कोर्ट में दिल्ली पुलिस की ओर से एडिशनल पब्लिक प्रोसिक्यूटर नरेश कुमार चाहर पेश हुए तो वहीं केंद्र सरकार की ओर से स्टैंडिंग काउंसिल मोनिका अरोड़ा ने पेश होकर केंद्र सरकार का पक्ष रखा.
आपको बता दें कि मार्च 2023 में पारित एक आदेश में जस्टिस शर्मा ने ‘कॉलेज रोमांस’ में अश्लील और अश्लील भाषा के इस्तेमाल की कड़ी आलोचना की थी. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि वेब-सीरीज ‘अश्लील, अपवित्र और अश्लील है जो युवा लोगों के दिमाग को विकृत और भ्रष्ट कर देगी’.
कोर्ट ने चुनौतियों के लिए किया था आगाह
कोर्ट ने कहा था कि सोशल मीडिया और OTT प्लेटफार्मों पर सामग्री को रेगुलेट करने के लिए उचित कानून, दिशानिर्देश और नियम बनाने के लिए कई अन्य देशों की तरह हमारे देश के सामने आने वाली चुनौती पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है.
साथ ही कोर्ट ने शो के अभिनेताओं और निर्माताओं के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने से इनकार कर दिया था और मंत्रालय को अपने IT नियम, 2021 के सख्ती से लागू करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया था. केंद्र सरकार को भी इस पर विचार करते हुए उचित समझे जाने वाले कानून या नियम बनाने के लिए कहा गया था.