झारखंड (Jharkhand) के गढ़वा जिले में एक अजीब तरह का मामला तब सामने आया जब भिक्षा लेने पहुंचे जोगी को एक महिला ने पहचान कर उसे अपना पति बताया. महिला ने जोगी का नाम उदय बताते हुए कहा कि ये मेरा पति है. इसके बाद गांव में हड़कंप मच गया. क्योंकि गांव के लोग उसे मृत मान चुके थे. मामला कांडी प्रखंड का है. गुरु गोरखनाथ के एक शिष्य को लेकर जगह जगह पर लोगों का हुजूम जुट रहा है. जब किसी पत्नी को 22 वर्ष बाद अचानक उसका पति सामने नजर आ जाए तो क्या हो सकता है. इसे हर कोई महसूस कर सकता है.
खासकर तब जब पत्नी मान चुकी हो कि उसके पति कहीं किसी हादसे का शिकार होकर अब इस दुनिया में नहीं रहे. इसके बाद अपने बच्चों की विधवा सी जिंदगी जीते हुए परवरिश कर रही हो. यह किसी फिल्म की स्टोरी नहीं बल्कि हकीकत है. दरअसल कांडी प्रखंड के सेमौरा गांव निवासी उदय शाह 22 वर्ष पूर्व अपने पैतृक आवास छोड़कर जोगी बन गया था. उसके बाद घर के परिजनों द्वारा कई जगहों पर उदय साव को खोजा गया, परंतु कहीं भी उसका आता पता नहीं चला. काफी दिन बीत जाने के बाद घरवालों को आशंका हुई कि वह जिंदा नहीं है और कोई घटना दुर्घटना में मारा गया होगा. उसका एक लड़का एक लड़की व पत्नी बेसहारा होकर किसी तरह अपना भरण-पोषण दूसरे लोगों की मदद से कर रही है.
जोगी की भेष में पहुंचा
22 वर्ष बीत जाने के बाद बीते रविवार को अचानक उदय साव जोगी के भेष में हाथ में सारंगी लिए हुए अपने पैतृक आवास सेमौरा गांव पहुंचा. जहां छुपा रुस्तम बन कर अपने पत्नी से भिक्षा लेने के लिए पहुंचकर बाबा गोरखनाथ का भजन गाने लगा. जोगी के भेष में पहुंचे उदय साव को देखते ही उसकी पत्नी पहचान गई और अपने खोए हुए पति को पाने के लिए बिलख- बिलख कर रोने लगी. उसे जोगी का रूप छोड़कर अपने घर रहने के लिए कहने लगी, परंतु उदय साव अपना बार-बार परिचय छुपाता रहा. इतने ही देर में घर व गांव के कई सदस्य वहां मौजूद हो गए तो देखा कि वास्तव में यह उदय साव ही है. अंत में उदय साव अपना असली परिचय बताया और अपनी पत्नी से भिक्षा लेने के लिए आग्रह किया.
पत्नी की भिक्षा के बिना सिद्धि नहीं
उदय ने कहा कि पत्नी के भिक्षा के बिना मुझे सिद्धि प्राप्त नहीं हो सकती है। इसलिए मुझे भिक्षा देकर मुझे अपना कर्तव्य का पालन करने दें. जोगी के भेष में बरसों बाद उदय साव के घर आने की सूचना पर कई गांव की लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. सभी लोगों ने चाहा कि जोगी के भेष में पहुंचे उदय अब अपना घर परिवार के साथ ही रहे. परंतु वह घर परिवार में रहने से इनकार किया. यहां तक कि वह उस गांव से बाहर आकर डिग्री कॉलेज कांडी में शरण लिए हुए है. नाते रिश्तेदार सहित कई लोग कोशिश कर रहे हैं कि उसे जोगी रूप से मुक्ति दिलाया जाए. इसके लिए बाबा गोरखनाथ के धाम पर यज्ञ व भंडारा कराने के लिए गांव के लोग अनाज और पैसे भी एकत्रित करने में जुट गए हैं. समाचार लिखे जाने तक अपनी पत्नी से भिक्षा नहीं मिलने के कारण वह आसपास के क्षेत्रों में ही घूम फिर रहा है.