शराब नीति को लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल सहित कई नेताओं पर ईडी ने कार्रवाई की है. अब दिल्ली के बाद लेफ्ट शासित राज्य केरल में शराब नीति में भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. विपक्षी यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) ने शनिवार को राज्य में शराब नीति को लेकर वाम सरकार के खिलाफ अपना हमला तेज कर दिया. कथित भ्रष्टाचार को लेकर उत्पाद शुल्क और पर्यटन मंत्रियों के इस्तीफे की मांग की है.
कांग्रेस के नेतृत्व वाले एनडीएफ ने कहा कि अपराध शाखा की जांच से शराब नीति के संबंध में कई करोड़ रुपये के कथित भ्रष्टाचार की सच्चाई सामने नहीं आएगी. उन्होंने इस मामले की ज्यूडिशियल इंक्वायरी की मांग की.
यह मांग उस रिपोर्ट के एक दिन बाद आई है, जिसमें एलडीएफ सरकार द्वारा शराब की बिक्री के संबंध में ‘ड्राई डे’ मानदंड को खत्म करने पर विचार किया गया था. सरकार के इस फैसले से राजनीतिक तूफान खड़ा हो है.
इस प्रस्ताव के बाद यूडीएफ ने एलडीएफ सरकार पर बार मालिकों को ‘पक्ष’ देने के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगाया है. दूसरी ओर, वामपंथियों का दावा है कि उसने अभी तक अपनी शराब नीति पर कोई विचार-विमर्श नहीं किया है.
यूडीएफ ने लगाया करोड़ों रुपए भ्रष्टाचार का आरोप
शनिवार को यूडीएफ संयोजक एम एम हसन ने कहा कि उत्पाद शुल्क मंत्री एम बी राजेश की शिकायत के आधार पर कथित अपराध शाखा की जांच “वास्तविक सच्चाई” सामने नहीं लाएगी. उन्होंने आरोप लगाया कि राजेश ने पर्यटन मंत्री पी ए मोहम्मद रियास को बचाने के इरादे से सीधे पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिन्होंने शराब नीति में बदलाव के लिए प्रभावित किया था और दबाव डाला था. मोहम्मद रियास मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के दामाद हैं.
हसन ने आरोप लगाया कि कोई सोच भी नहीं सकता है कि पर्यटन और उत्पाद शुल्क मंत्री मुख्यमंत्री विजयन की जानकारी और सहमति के बिना बार मालिकों को ड्राइ डे को लेकर आश्वासन देंगे. यह रियास ही थे जिन्होंने ड्राई डे मानदंड को खत्म करने की मांग की थी और सीएम को भी इसके बारे में पता था.
कांग्रेस नेता ने मंत्री को पद से हटाने की मांग की
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व गृह मंत्री रमेश चेन्निथला ने मांग की कि उत्पाद शुल्क मंत्री राजेश को उनके पद से हटा दिया जाना चाहिए और आरोपों की एक मौजूदा न्यायाधीश द्वारा न्यायिक जांच की जानी चाहिए.
चेन्निथला ने आरोप लगाया कि सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाली सरकार का प्रयास पिछले यूडीएफ शासन द्वारा बंद किए गए सभी बारों को खोलना और दक्षिणी राज्य में शराब की उपलब्धता बढ़ाने के लिए यथासंभव नए बार आवंटित करना था. कई युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एलडीएफ सरकार की शराब नीति में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए पलक्कड़ में मंत्री राजेश के कार्यालय तक विरोध मार्च निकाला.
‘ड्राई डे’ नीति को लेकर क्या है आरोप
‘ड्राई डे’ नीति को वापस लेने का मुद्दा तब विवादों में घिर गया जब बार एसोसिएशन के एक सदस्य द्वारा कथित तौर पर अन्य सदस्यों से ‘अनुकूल शराब नीति’ के लिए पैसे देने के लिए कहने की ऑडियो क्लिप टीवी चैनलों पर प्रसारित हुई.
कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ विपक्ष ने आरोप लगाया कि वाम सरकार ने बार मालिकों से उनके अनुकूल नीति बनाने के लिए 20 करोड़ रुपये मांगे और मंत्री राजेश के इस्तीफे की मांग की. विपक्ष के आरोपों और मांग को दरकिनार करते हुए राजेश ने कहा कि राज्य सरकार ने अपनी शराब नीति को लेकर अब तक कोई विचार-विमर्श नहीं किया है.