पटना में विपक्षी एकता की बैठक के बाद आम आदमी पार्टी का साफ कहना है कि जब तक कांग्रेस अध्यादेश पर अपना रुख साफ नहीं करती, तब तक आम आदमी पार्टी के लिए ऐसी किसी भी बैठक या दल में शामिल होना मुश्किल है, जिसमें कांग्रेस शामिल होगी. बिहार की राजधानी पटना में हुई बैठक के बाद आम आदमी पार्टी ने एक आधिकारिक बयान जारी किया.
आम आदमी पार्टी ने कहाजब तक 31 राज्यसभा सांसदों वाली कांग्रेस पार्टी सार्वजनिक रूप से इस अध्यादेश का विरोध नहीं करेगी तब तक आम आदमी पार्टी के लिए भविष्य में होने वाली ऐसे बैठकों में जहां कांग्रेस हिस्सा ले रही हो वहां हिस्सा लेना मुश्किल होगा.
‘अध्यादेश पर अपना स्टैंड साफ करे कांग्रेस’
बैठक में मौजूद 15 पार्टियों में से 12 पार्टियों के राज्यसभा में सांसद हैं. इन 12 पार्टियों में से 11 पार्टियों ने अध्यादेश पर अपना स्टैंड साफ कर दिया है और अध्यादेश का विरोध करने का फैसला किया है. केवल कांग्रेस ने अपना स्टैंड साफ नहीं किया.आम आदमी पार्टी ने अपने बयान में आगे कहा कि, कांग्रेस हर मुद्दे पर स्टैंड लेती है लेकिन काले अध्यादेश पर अभी तक उसने अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की.
हालांकि कांग्रेस की दिल्ली और पंजाब यूनिट ने घोषणा की है कि उनको इस मुद्दे पर मोदी सरकार का समर्थन करना चाहिए. आज पटना की बैठक में कई पार्टियों ने कांग्रेस से कहा कि वह इस पर अपना स्टैंड स्पष्ट करें, विरोध करें लेकिन कांग्रेस ने नहीं किया. आप ने कहा कि
कांग्रेस की खामोशी उसकी नियत पर सवाल उठा रही है.जबकि निजी बातचीत में कांग्रेस नेता बताते हैं कि उनकी पार्टी वोटिंग के दौरान अनुपस्थित रह सकती है, जिससे बीजेपी को फायदा होगा.कांग्रेस तय करेगी वह दिल्ली के लोगों के साथ है या मोदी सरकार के साथ है.