समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव किस सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे, इस सवाल पर सस्पेंस बना हुआ था, जोकि अब खत्म होते दिखाई दे रहा है. सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश यादव का कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना लगभग तय हो गया है. इसको लेकर कन्नौज के पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को अलर्ट कर दिया गया है.
इस समय कन्नौज लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सुब्रत पाठक सांसद हैं. पार्टी ने इस बार भी उन्हीं पर भरोसा जताया है और चुनावी अखाड़े में उतारा है. कन्नौज लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी का दबदबा रहा है. ये सीट सपा के लिए सुरक्षित मानी जाती रही है, लेकिन सुब्रत पाठक ने पिछले लोकसभा चुनाव में उसका किला ढहा दिया था. अखिलेश यादव की पत्नी डिपल यादव को मात दी थी. कन्नौज सीट पर सपा ने 1998 के बाद से 2014 तक चुनाव जीता. डिंपल यादव 2019 में भी मानकर चल रही थीं कि वह जीत हासिल करेंगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका.
कन्नौज सपा अध्यक्ष ने बताया, अखिलेश ने जताई चुनाव लड़ने की इच्छा
कन्नौज से चुनाव लड़ने के लिए अखिलेश यादव ने अपने करीबी नेताओं को फोन लगाया है और अपनी सहमति जताई है, जिसके बाद कार्यकर्ताओं का जोश हाई है. समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष कलीम खान का कहना है कि अखिलेश ने कन्नौज से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है. यह हमारे जैसे कार्यकर्ताओं के लिए गर्व की बात है.
आजमगढ़ से धर्मेंद्र यादव को उतारने की तैयारी है. यहां उनकी टक्कर BJP प्रत्याशी दिनेश लाल निरहुआ से हो सकती है. पिछली बार हुए उपचुनाव में निरहुआ ने धर्मेंद्र यादव को हरा दिया था.
आजमगढ़ में बसपा ने बिगाड़ दिया था सपा का समीकरण
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में निरहुआ को अखिलेश यादव ने बुरी तरह से हराया था. अखिलेश को फायदा मायवती ने पहुंचाया था क्योंकि दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन था. लोकसभा चुनाव होने के बाद जिस बात का अंदाजा लगाया जा रहा था कि दोनों पार्टियां अलग-अलग राह पकड़ लेंगी, वही हुआ. मायावती गठबंधन से अलग हो गईं. विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़ीं. अखिलेश यादव ने करहल विधानसभा सीट से चुनावी ताल ठोकी, जिसके बाद आजमगढ़ लोकसभा सीट खाली हो गई और फिर उपचुनाव हुए. इस उपचुनाव में मायावती ने अपना प्रत्याशी उतारकर समाजवादी पार्टी के सभी समीकरण बिगाड़ दिए. उपचुनाव में निरहुआ ने बाजी पलट दी. उनको 312768 वोट मिले थे, जबकि धर्मेंद्र यादव को 304089 वोट मिले थे.