लखनऊ: अखिलेश यादव फिर लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने इस बात का एलान लोक जागरण यात्रा शुरू करने के बाद किया. उन्होंने बुधवार को लखीमपुर से ये यात्रा शुरू की. इस मौके पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने कहा कि राजनीति में हूं तो फिर चुनाव तो लड़ेंगे ही. वे लोकसभा का अगला चुनाव किस सीट से लड़ेंगे? इस सवाल के जवाब में अखिलेश ने कहा इस पर फैसला पार्टी करेगी. ये बात अलग है कि पार्टी के सारे फैसले वे खुद करते हैं. लेकिन किस सीट से वे किस्मत आजमायेंगे, इस पर वे सस्पेंस अभी बनाए रखना चाहते हैं.
पिछला चुनाव तो वे आजमगढ़ से जीते थे फिर मैनपुरी के करहल से विधायक चुन लिए गए. फिर अखिलेश ने आजमगढ़ के सासंद पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद हुए उप चुनाव में उनके चचेरे भाई और पूर्व सासंद धर्मेंद्र यादव चुनाव हार गए. बहुजन समाज पार्टी के मुस्लिम उम्मीदवार ने उनका खेल खराब कर दिया और बीजेपी ने बाजी मार ली.
कन्नौज से लड़ेंगे चुनाव?
अब तक जो संकेत मिल रहे हैं, उससे तो यही लगता है कि अखिलेश यादव अगला चुनाव कन्नौज सीट से लड़ सकते हैं. वे यहां से पहले भी सासंद रह चुके हैं. पिछले कुछ महीनों से किसी न किसी बहाने वे कन्नौज जाते रहते हैं. इलाके में उनकी सक्रियता काफी बढ़ गई है. उनके कुछ करीबी लोग लगातार वहां कैंप करते रहते हैं. इससे ये लग रहा है कि शायद वे कन्नौज से ही लड़ना बेहतर समझें.
पिछले लोकसभा चुनाव में यहां से उनकी पत्नी डिंपल यादव चुनाव लड़ी थीं, लेकिन बीजेपी के सुब्रत पाठक से हार गईं. परंपरागत रूप से ये सीट समाजवादी पार्टी का गढ़ रही है. पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव भी खुद यहां से सासंद रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि अखिलेश खुद चुनाव लड़ कर एक माहौल बनाना चाहते हैं. जब वे खुद लड़ेंगे तो बाकी उम्मीदवारों को भी इसका फायदा हो सकता है.
विपक्ष की बैठक में जरूर जाएंगे
लोक जागरण यात्रा के दौरान अखिलेश यादव ने बताया कि वे विपक्षी नेताओं की बैठक में जरूर जायेंगे. ये मीटिंग पटना में हो रही है. कांग्रेस को लेकर पूछे गए सवालों से अखिलेश बचते रहे पर उन्होंने कहा कि बीजेपी को हराने के लिए विपक्ष को एकजुट होना चाहिए. ये बात भी सच है कि ममता बनर्जी की तरह ही कांग्रेस को लेकर उनके तेवर तीखे रहते हैं. जबकि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी गठबंधन में यूपी का विधानसभा चुनाव लड़ चुकी है.
बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव की मुलाकात तय है. ये मुलाकात लखनऊ में होगी. अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल इन दिनों विपक्षी नेताओं से समर्थन ले रहे हैं. अखिलेश से मुलाकात इसी सिलसिले में है. अखिलेश यादव ने कहा कि इस मुद्दे पर हम अरविंद केजरीवाल के साथ हैं.