दिल्ली: आम आदमी पार्टी से नाराज चल रहीं चांदनी चौक से विधायक अलका लांबा ने पार्टी से इस्तीफा देने का एलान किया है. लांबा ने अपने विधानसभा क्षेत्र में रायशुमारी के बाद आप छोड़ने का फैसला किया. आगे के रुख पर उन्होंने कहा कि वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगी. अलका लांबा दिसंबर 2018 से आम आदमी पार्टी से नाराज चल रही हैं. जब आप के एक विधायक ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को दिया गया ‘भारत रत्न’ वापस लेने की मांग वाला एक प्रस्ताव विधानसभा में रखा था.
अलका लांबा ने दावा किया था कि अरविंद केजरीवाल से जब बात की तो केजरीवाल ने मुझे पार्टी छोड़ने के लिए कहा. इसके बाद लोकसभा चुनाव के दौरान भी अलका लांबा और आप नेता सौरभ भारद्वाज आमने-सामने आ गए थे. लांबा ने कांग्रेस में जाने की इच्छा जताई थी.
उन्होंने आज कहा, ”मैंने सोचा कि मुझे लोगों से बात करनी चाहिए और निर्णय लेना चाहिए. फैसला लिया गया कि मुझे आम आदमी पार्टी से सभी तरह के संबंध तोड़ लेने चाहिए और अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे देना चाहिए. मैं AAP की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा जल्द ही लिखूंगा. मैं विधायक बना रहूंगी.”
अलका लांबा करीब 20 साल तक कांग्रेस में रहने के बाद 26 दिसंबर 2014 को आम आदमी पार्टी में शामिल हो गई थी. उसके बाद वे 2015 विधानसभा चुनाव में दिल्ली के चांदनी चौक से विधायक चुनी गईं.