AAP पार्टी को अलविदा कह कर कांग्रेस के खेमे से नई पारी की शुरुआत करेंगी अलका लम्बा

नई दिल्ली : कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी से मुलाकात के कुछ दिनों बाद आप की असंतुष्ट विधायक अलका लम्बा ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया। मीडिया में चल रही खबरों की माने तो इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस जॉइन करने की घोषणा भी कर दी। उन्होंने शुक्रवार को ट्विटर पर जानकारी दी कि वह आज सोनिया गांधी से मुलाकात कर कांग्रेस जॉइन कर लेंगी। उससे पहले उन्होंने लिखा कि आप की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का समय आ गया है। लांबा ने मंगलवार को सोनिया से मुलाकात की थी जिससे उनके कांग्रेस पार्टी में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं।

लांबा ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘केजरीवाल जी, आपके प्रवक्ता ने आपकी इच्छा से कहा था कि मेरा इस्तीफा ट्विटर पर भी स्वीकार कर लिया जाएगा। तो लीजिए मैं आम आदमी पार्टी से जो कि अब खास आदमी पार्टी बन चुकी है, उससे इस्तीफा देती हूं।’ इससे पहले अकला ने लिखा,‘आप को अलविदा कहने और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का समय आ गया है। मेरे लिए पिछले छह साल का सफर बड़े सबक सिखाने वाला रहा। सभी का शुक्रिया।’

चांदनी चौक से आप विधायक लांबा ने पिछले महीने घोषणा की थी कि उन्होंने पार्टी छोड़ने और आगामी विधानसभा चुनाव निर्दलीय के रूप में लड़ने का मन बना लिया है। लांबा पिछले कुछ समय से आप नेतृत्व खासकर पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कार्यशैली से नाराज चल रही थीं। केजरीवाल पर पार्टी में मनमानी करने का आरोप लगते हुए वह इसका सार्वजनिक तौर पर कई बार मुखर विरोध कर चुकी है। लांबा और आम आदमी पार्टी के बीच पिछले कुछ समय से टकराव की स्थिति जो शुरू हुई, वह किसी न किसी रूप में चलती रही है। लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद उन्होंने अपने राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से जवाबदेही मांगी थी। इसके बाद उन्हें पार्टी विधायकों के आधिकारिक व्हाट्सऐप ग्रुप से हटा दिया गया था। उन्होंने लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए प्रचार करने से इनकार कर दिया था और उन्होंने केजरीवाल के रोडशो के दौरान मुख्यमंत्री की कार के पीछे चलने के लिए कहे जाने के बाद रोडशो में भाग नहीं लिया था।

लांबा और आप के बीच सबसे पहले टकराव राजीव गांधी को दिए गए भारत रत्न सम्मान को वापस लिए जाने संबंधी प्रस्ताव पारित करने के पार्टी के फैसले को लेकर हुआ था। लांबा ने पार्टी के प्रस्ताव पर आपत्तियां उठाई थीं। उन्होंने दिसंबर 2018 में ट्वीट किया था कि आप ने उन्हें प्रस्ताव का समर्थन करने को कहा जिससे उन्होंने इनकार कर दिया। लांबा ने कहा था कि वह इसके लिए किसी भी सजा का सामना करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने अपना राजनीतिक करियर कांग्रेस से शुरू किया था और आप में शामिल होने से पहले उन्होंने करीब 20 साल विभिन्न भूमिकाओं में पार्टी की सेवा की।

दिल्ली में अगले साल जनवरी में संभावित विधानसभा चुनाव के पहले लांबा ने आप छोड़ने की घोषणा कर कांग्रेस में एक बार फिर शामिल होने की अटकलों को हवा दे दी है।

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