आपदाओं के बीच, देशहित को ताक पर रखकर की जा रही राजनीति: मायावती

देशभर के कई राज्य इस समय प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे हैं, जिसमें कई लोगों ने अपनी जान भी गवाईं है. इन आपदाओं में कई परिवार भी बर्बाद हो गए हैं. केंद्र सरकार इन आपदाओं का सामना करने के लिए जमीनी स्तर पर उतर कर लोगों की मदद में जुटी हुई है. इन आपदाओं पर हो रहे सियासी नोकझोंक पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस और भाजपा पर निशाना साधा है.

मायावती ने इन आपदाओं के दौरान होने वाली राजनीति का जिम्मेदार कांग्रेस और भाजपा को ठहराया है. उन्होंने इस तरह की राजनीति को काफी दुखद और चिंताजनक बताया है. उन्होंने सरकार के किए जा रहे विकास पर भी सवाल उठाया है, इसके साथ ही मायावती ने इस मामले में गंभीर होकर सोचने की बात कही है.

भाजपा और कांग्रेस पर साधा निशाना
सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि आपदाओं के कारण देश भर में हो रही जान-माल की भारी हानि पर भी खासकर भाजपा व कांग्रेस द्वारा, जन व देशहित को ताक पर रखकर, जिस प्रकार से संसद के भीतर व बाहर राजनीति की जा रही है और इसमें भी एक-दूसरे को गलत व नीचा दिखाने के अवसर तलाशे जा रहे हैं ये अनुचित, दुखद व चिन्तनीय है.

  1. आपदाओं के कारण देश भर में हो रही जान-माल की भारी हानि पर भी ख़ासकर भाजपा व कांग्रेस द्वारा, जन व देशहित को ताक़ पर रखकर, जिस प्रकार से संसद के भीतर व बाहर राजनीति की जा रही है और इसमें भी एक-दूसरे को गलत व नीचा दिखाने के अवसर तलाशे जा रहे हैं

भाजपा और कांग्रेस की सरकारें हैं कसूरवार
बसपा सुप्रीमो ने देश में चल रहे ब्लेम गेम की बात करते हुए कहा कि जबकि देश की चिंता ब्लेम गेम की बजाय, जलवायु/ पर्यावरण की अनदेखी करके जन सुविधा आदि के नाम पर हो रहे असंतुलित विकास को लेकर है, जिसके लिए कांग्रेस व भाजपा की सरकार ज्यादातर कसूरवार हैं, लेकिन अब इसके प्रति पूरी तरह से गंभीर होकर सुनियोजित तरीके से काम करने की जरूरत है.

इस मानसून के समय में देश के कई राज्यों में आई आपदा की वजह से तबाही का मंजर दिख रहा है. केरल के वायनाड में कुछ दिन पहले लैंडस्लाइड की घटना हुई, जिसमें अभी तक 300 से ज्यादा लोगों की मौत होने की खबर है, इसके अलावा सैकड़ों लोगों के लापता भी है. केरल के अलावा हिमाचल प्रदेश में भी बादल फटने की वजह शिमला और कुल्लू की भी स्थिति खराब

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