महाराष्ट्र में मंत्रालयों के बंटवारे पर घमासान जारी, कांग्रेस-NCP के बीच तीखी बहस

मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) की उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) सरकार में विभागों के बंटवारे को लेकर घमासान जारी है. महा विकास अघाडी (Maharashtra Vikas Aghadi) की पांच घंटे से अधिक समय तक चली मैराथन बैठक के बाद भी मंत्रालयों के आवंटन पर आम सहमति नहीं बन पाई. गठबंधन सरकार (Coalition Government) में सहयोगी कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेताओं के बीच गुरुवार रात इस विषय पर हुई बैठक में जोरदार बहस हो गई. मीडिया में चल रही खबरो के मुताबिक इसके पहले भी दोनों पार्टियों के बीच इसी बात को लेकर बहस हुई थी. बताया जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार में 12 सीटें पाने वाली कांग्रेस ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित दो विभाग और चाहती है और वो अपनी इस मांग को लेकर अड़ी हुई है.

साथ ही खबर है कि गठबंधन के घटक दलों- शिवसेना (Shiv Sena), एनसीपी (NCP) और कांग्रेस (Congress) के बीच बातचीत सिर्फ विभागों के बंटवारे पर नहीं हुई, बल्कि मंत्रियों की नियुक्ति को लेकर भी चर्चा हुई. बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि उनकी पार्टी ने विभागों के बंटवारे के मामले में अपना स्टैंड मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बता दिया है. इस बैठक में कांग्रेस के बालासाहेब थोराट, एनसीपी के अजीत पवार और शिवसेना के एकनाथ शिंदे समेत अन्य ने हिस्सा लिया.

ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित दो विभाग और चाहती है कांग्रेस

कांग्रेस पार्टी मंत्रालयों के बंटवारे में ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित दो विभाग और चाहती है. बैठक के बाद अशोक चव्हाण ने बताया कि, ‘हमने सीएम उद्धव ठाकरे को अपना प्रस्ताव दे दिया है, वो उस पर विचार करेंगे.’ गुरुवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी सत्तारूढ़ गठबंधन में उभरे असंतोष के बारे में कहा कि कोई भी पोर्टफोलियो आवंटन से नाखुश नहीं है. उन्होंने कहा कि ‘पोर्टफोलियो आवंटन पर फैसला किया गया है. किसे क्या मिलेगा, यह तय किया गया है. मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री इसे शुक्रवार घोषित करेंगे.’

बता दें कि अक्टूबर में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Election 2019) में बीजेपी और शिवसेना ने गठबंधन के रूप में चुनाव लड़कर क्रमशः 105 और 56 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था. लेकिन मुख्यमंत्री पद और 50-50 फॉर्मूले की मांग को लेकर शिवसेना ने बीजेपी के साथ अपने तीन दशक लंबे संबंधों को तोड़ लिया था. इसके बाद शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ महा विकास अघाडी (गठबंधन) बनाया था और राज्य में बहुमत वाली सरकार का गठन किया था. इस गठबंधन सरकार में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनाए गए हैं. उनके साथ शपथ ग्रहण में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के दो-दो विधायक भी मंत्री बनाए गए थे. इसके अलावा बीते 30 दिसंबर को तीनों पार्टियों के छत्तीस विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी

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