जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अमरनाथ श्रद्धालुओं और पर्यटकों से सरकार की ओर से जारी परामर्श को लेकर किसी भी अफवाह पर ध्यान नहीं देकर शांति बनाए रखने की अपील की है।
राजभवन ने बयान जारी कर कहा कि मलिक ने राज्य के मौजूदा हालात को लेकर विभिन्न राजनीतिक पाटीर् के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की जिसमें राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और पिपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, पिपुल्स मुवमेंट के नेता शाह फैजल तथा पिपुल्स कांफेरेंस के चैयरमैन सज्जाद लोन सहित पूर्व मंत्री इमरान अंसारी भी शामिल थे।
इस प्रतिनिधिमंडल ने सरकार द्वारा परामर्श जारी कर अमरनाथ यात्री और पर्यटकों से जल्द से जल्द घाटी से निकलने के लिए कहने के बाद यहां के हालात पर चिंता जाहिर की है। राज्यपाल मलिक ने प्रतिनिधिमंडल को बताया है कि सुरक्षा एजेंसियों द्वारा अमरनाथ यात्रियों पर हमले की गुप्त सूचना मिली थी जिसके बाद सुरक्षा को देखते हुए यह परामर्श जारी किया है। इससे पहले शुक्रवार को सेना ने प्रेस वार्ता कर बरामद किए गए हथियार और गोला बारुद दिखाए थे। मलिक ने कहा कि सुरक्षा बल इस मामले को पूरी तरह से देख रहे हैं और कोई भी आतंकवादी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाएगा। इसी कारण यात्रियों को परामर्श जारी किया गया था।
राज्यपाल मलिक ने राजनीतिक पार्टी के नेताओं से मामले की गंभीरता को समझते हुए सरकार के कदम का समर्थन करने और किसी भी अफवाह को फैलाने की बजाए राज्य में शांति कायम रखने के लिए कहा है।
आवश्यक सामानों का पयार्प्त भंडार मौजूद है : जिला अधिकारी
श्रीनगर के जिला अधिकारी (डीएम) डॉक्टर शाहिद चौधरी ने लोगों से कहा है कि जिले में जरुरत के सामानों का पयार्प्त भंडार उपलब्ध है इसलिए वह किसी भी अफवाह पर ध्यान नहीं दें और सामानों की जमाखोरी से बचें। शहर के पेट्रोल पंप में भारी भीड़ को लेकर उन्होंने कहा कि यहां पयार्प्त मात्रा में पेट्रोल उपलब्ध है। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) श्रीनगर ने नोटिस जारी कहा था कि सभी विभागों में अगले आदेश तक कार्य स्थगित किया गया है। इस पर श्री चौधरी ने कहा कि यह महज गलतफहमी है और इसमें कोई सच्चाई नहीं है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, “श्रीनगर में आवश्यक वस्तुओं जैसे खाना, पेट्रोल और दवाईयां पयार्प्त मात्रा में उपलब्ध हैं। सड़कें खुली हुई हैं, इसलिए लोगों से आग्रह है कि वह अफवाहों पर ध्यान नहीं देकर सामानों की जमाखोरी से बचें।” चौधरी ने कहा कि अफवाहों के कारण सभी संस्थाओं को यह सलाह दी गई है कि किसी भी अफवाह पर भरोसा नहीं करें और इससे सावधान रहें। किसी भी संस्थान को बंद करने के लिए कोई आदेश नहीं दिया गया है। एनआईटी की नोटिस महज गलतफहमी है।
विमानन नियामक डीजीसीए ने शुक्रवार को सभी एयरलाइन से कहा कि वे जरूरत पड़ने पर श्रीनगर से यात्रियों और पर्यटकों को निकालने के मद्देनजर अतिरिक्त उड़ानों का संचालन करने के लिए तैयार रहें। शुक्रवार को डीजीसीए की यह सलाह सेना की उस सूचना के बाद आई जिसमें खुफिया सूचनाओं का हवाला देते हुए कहा गया है कि आतंकवादी अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने की साजिश रच रहे हैं। डीजीसीएम की सलाह के बाद एयर इंडिया ने ट्विटर पर लिखा कि जम्मू-कश्मीर के हालात के मद्देनजर वह 15 अगस्त, 2019 तक श्रीनगर को जाने वाली और वहां से आने वाली सभी उड़ानों के कार्यक्रम में बदलाव या यात्रा रद्द कराने के संबंध में शुल्क में पूरा छूट देगी। इंडिगो ने ट्वीट किया कि वह 9 अगस्त, 2019 तक श्रीनगर को जाने वाली और वहां से आने वाली सभी उड़ानों के कार्यक्रम में बदलाव या यात्रा रद्द कराने के संबंध में शुल्क में पूर्ण छूट मुहैया कराया है। विस्तारा एयरलाइन ने भी श्रीनगर से आने या जाने की उड़ानों के कार्यक्रम में बदलाव या यात्रा रद्द कराने के संबंध में शुल्क में पूर्ण छूट उपलब्ध कराया है।