बाबा अमरनाथ यात्रा हुई शुरू, अगर आप भी यात्रा का प्लान कर रहे है तो इन बातों का ध्यान जरूर रखे..

बम-बम भोले के जयघोष के साथ आज आधार शिविर भगवती नगर जम्मू से अमरनाथ यात्रा के लिए पहला जत्था रवाना हो गया। जत्थे में पारंपरिक पहलगाम और बालटाल रूट के यात्री शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एसपी मलिक के सलाहकार केके शर्मा ने इस जत्थे को झंडी दिखाकर पवित्र गुफा की ओर रवाना किया। इस जत्थे में शामिल लोगों में बाबा भोलेनाथ की भक्ति के साथ ही देश के प्रति प्रेम भावना भी देखने को मिली। 

बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा हिम आच्छादित पर्वतों के मध्य समुद्र तल से 12729 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह शिवलिंग अमावस्या से पूर्णिमा तक बढ़कर पूर्ण होता है और पुन: घटना प्रारंभ कर देता है। शिवलिंग अमावस्या को भी रहता है। पर्वतों के मध्य 60 फीट लंबी, 30 फीट के करीब चौड़ी तथा 15 फीट ऊंची गुफा है। इसी गुफा में बर्फ द्वारा निर्मित प्राकृतिक पीठ पर, हिम शिवलिंग है

कश्मीर के पहलगाम से गुफा 46 किलोमीटर की दूरी पर है, यहां से अधिकांश यात्री प्राकृतिक नजारों का आनंद लेते हुए पवित्र गुफा तक पहुंचते हैं। श्री अमरनाथ गुफा श्रीनगर से 142 किलोमीटर दूरी पर है। श्रीनगर से पहलगाम की यात्रा 96 किलोमीटर है, जिसे श्रद्धालु बस या अन्य निजी वाहनों से तय करते हैं। शेष 46 किलोमीटर का मार्ग घोड़ों आदि से अथवा पैदल तय किया जाता है। यात्रा मार्ग पर सबसे पहला आधार शिविर पहलगाम में है। अठखेलियां करती लिद्दर नदी के किनारे छोटा सा कस्बा है। यह श्रीनगर से 96 किलोमीटर की दूरी और समुद्र तल से 7200 फीट ऊंचाई पर है। पहलगाम अपनी सुंदरता के लिए विश्व प्रसिद्ध है।

पहलगाम से लिद्दर किनारे से आगे बढ़ते हुए चंदनबाड़ी पहुंचा जाता है। यह समुद्र तल से लगभग 8500 फीट ऊंचाई, पहाड़ी नदियों के संगम पर छोटी सी एक घाटी है। यह यात्रा का प्रथम चरण है। पिस्सू घाटी तक कठिन चढ़ाई का मार्ग आगे है। इसी तरह चंदनबाड़ी से आगे 13 किलोमीटर दूर अगला पड़ाव शेषनाग है। यह समुद्र तल से 11330 फीट ऊंचाई पर है।

शेषनाग झील में स्नान करके रास्ते की सारी थकावट दूर हो जाती है। यहां स्नान करने से गंगा स्नान के समान फल मिलता है। शेषनाग से 13 किलोमीटर आगे बढ़कर पंचतरणी पहुंचा जाता है। यह समुद्रतल से 12000 फीट ऊंचा है। शेषनाग से आगे हिमाच्छादित मार्ग है। पंचतरणी से श्री अमरनाथ गुफा की दूरी केवल 6 किलोमीटर है।

पैदल रास्ते का सफर 30 किलोमीटर
बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए श्रद्धालु पारंपरिक पहलगाम और बालटाल ट्रैक से आगे बढ़ते हैं। पहलगाम ट्रैक के चंदनबाड़ी से लेकर पवित्र गुफा तक के पैदल रास्ते का सफर 30 किलोमीटर है। इसे दो दिन और एक रात में तय किया जाता है, जबकि बालटाल ट्रैक से एक ही दिन में दर्शन कर लौटा जा सकता है। इस रास्ते की लंबाई 14 किलोमीटर है। जम्मू से बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए पांच से छह दिन का समय लगता है, जबकि कई लोग मात्र तीन से चार दिन में ही दर्शन कर जम्मू आ जाते हैं।

क्या करें और क्या न करें
क्या करें:
फिट रहने के लिए यात्रा से कुछ दिन पूर्व प्रतिदिन 4-5 किलोमीटर सुबह-शाम सैर करें।
अपने सामान से लदे घोड़ों/खच्चरों और कुलियों के साथ रहें।
पहलगाम और बालटाल के बाद की यात्रा के दौरान बारिश से बचाव के लिए सामान वाटरप्रूफ बैग में रखें।
आते जाते संपूर्ण यात्रा में कोई ऐसा काम न करें, जिससे वातावरण दूषित हो।
खाली पेट यात्रा न करें, इससे गंभीर समस्याएं बन सकती हैं।
यात्रा के लिए पंजीकरण होना जरूरी है।
तंदरुस्त होकर ही यात्रा पर आएं।
प्रशासनिक सुरक्षा व्यवस्था में यात्रा करें।
छड़ी, रेनकोट, छाता, टार्च, गर्म कपड़े और स्लीपिंग बैग आदि साथ में रखें।
अपनी शारीरिक क्षमता के मुताबिक ही योजना बनाकर पैदल सफर तय करें।
संदिग्ध व्यक्ति या वस्तु की जानकारी तुरंत सुरक्षाकर्मियों को दें।
पंजीकृत लेबर, खच्चर और पालकी वालों की सेवाएं लें।
समुद्र तल से हजारों फीट ऊपर जाने के लिए पूरी तरह से फिट रहें।
पहाड़ों पर यात्रा के लिए महिलाएं साड़ी के बजाय सलवार सूट या पैंट पहनें।

क्या न करें
तय ट्रैक के बजाय शार्टकट रूट न अपनाएं।
चढ़ाई और तीव्र ढलानों पर चढ़ने से परहेज करें।
चेतावनी वाले स्थानों पर न रुकें, आगे बढ़ते रहें।
यात्रा के दौरान पॉलीथिन का इस्तेमाल वर्जित है।
तय किए गए किराये से अधिक भुगतान न करें।
बोर्ड और प्रशासन के नियमों के मुताबिक ही यात्रा करें।
समय-समय पर यात्रा अधिकारी की ओर से दिए जाने वाले निर्देशों का पालन करें।
जरूरी सामान के साथ यात्रा करें
मेडिकल सहायता: यात्रा के रास्ते में जगह-जगह चिकित्सा केंद्र बनाए गए हैं, जिसमें डाक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ होते हैं। फिर भी यात्रा पर आने वाले यात्री अपने साथ वह दवाइयां जरूर रखें, जिनका वे नियमित सेवन करते हैं।

खाना: खाने का जरूरी सामान सरकार की ओर से चंदनबाड़ी, शेषनाग और पंजतरणी में स्थापित दुकानों से उचित कीमत पर मिलता है। फिर भी श्रद्धालुओं को चाहिए कि वह अपने साथ बिस्कुट, टॉफी आदि सामग्री जरूर रखें।

कपड़े: अमरनाथ यात्रा के दौरान तापमान नीचे रहता है। ऐसे में यात्रियों को अपने साथ सभी जरूरी सामान रखना चाहिए। वे अपने साथ ऊनी कपड़े, स्वेटर, मंकी कैप आदि लेकर चलें। इसके अलावा विंड चीटर, स्लीपिंग बैग, कंबल, छाता, रेल कोट, वाटरप्रूफ बूट, छड़ी, टार्च आदि भी रखें।

बीमा: पंजीकरण के साथ ही यात्रियों को बीमा कवर मिलता है। इसके अलावा यात्रा के जोखिम को देखते हुए श्रद्धालु यात्रा पर निकलने से पहले अलग से बीमा करवा सकते हैं।

ठहरने का बंदोबस्त: यात्रा के दौरान राज्य सरकार और निजी संस्थाओं की ओर से टेंट में रहने की सुविधा मुहैया करवाई जाती है, जिसके लिए बुकिंग बेस कैंपों से की जा सकती है।

समुद्र तल से ऊंचाई
पिस्सू टॉप– 3377 मीटर
शेषनाग– 3352 मीटर
पोष पथरी– 4114 मीटर
महागुनस टॉप– 4276 मीटर
पंजतरणी– 3657 मीटर
पवित्र गुफा– 3952 मीटर

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