साइबर अपराधों के बारे में रहे सजग, साइबर अपराधी बैठे हैं आपकी छोटी सी चूक के इंतजार में- पुलिस आयुक्त राकेश कुमार आर्य

इंटरनेट, सोशल मीडिया व मोबाइल फोन कॉल पर किसी भी प्रकार के लालच में ना आएं, कुछ भी ऑफर मिलने पर पहले उसे अच्छी तरह से जांच लें।

साइबर अपराधी टेलीग्राम टास्क फ्रॉड, इन्वेस्टमेंट फ्रॉड, कस्टमर केयर अधिकारी बनकर फ्रॉड, लोन फ्रॉड व अन्य बहुत से तरीकों से लोगों के साथ कर रहे हैं साइबर फ्रॉड,वर्ष 2023 में दर्ज 183 मुकदमों में से फरीदाबाद पुलिस ने 117 अभियोगों में 423 आरोपियों को गिरफतार किया और करीब 5 करोड 38 लाख 80 हजार रुपये की रिकवरी की। इसके अतिरिक्त 2 करोड 71 लाख 19 हजार रुपये की रकम को शिकायतों में बैंकिंग चैनलों में रुकवाकर शिकायतकर्ताओं को वापिस दिलाई गई।

इस वर्ष जनवरी माह में 15 दिन में 19 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें करीब 3.73 करोड़ रुपए का फ्रॉड किया जा चुका है। इन शिकायतों में 46% शिकायत टेलीग्राम टास्क फ्रॉड व 25% शिकायत इन्वेस्टमेंट फ्रॉड से संबंधित हैं।

फरीदाबाद- आजकल तकनीकि के दौर में अलग-2 तरह से लोगों को ऑनलाइन सुविधाएं मिल रही है। जिसके माध्यम से लोग अपने ज्यादातर काम करने के लिए तकनीकि पर ही निर्भर हैं। साइबर अपराधी लोगों की इसी निर्भरता का फायदा उठाकर विभिन्न प्लेटफॉर्म से लोगों का डाटा प्राप्त करके उनको झांसे में लेकर उनके साथ ठगी कर रहे हैं। साइबर ठगी से बचाव के तरीकों के बारे में पुलिस आयुक्त कार्यालय में एक प्रेस वार्ता रखी गई जिसमें पुलिस कमिश्नर श्री राकेश कुमार आर्य ने साइबर फ्रॉड के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि साइबर अपराधी लोगों को विभिन्न प्रकार से लालच देते हैं, जिनमें से कुछ बडे़ प्रकार टेलीग्राम टास्क फ्रॉड, इन्वेस्टमेंट फ्रॉड, कस्टमर केयर अधिकारी बनकर फ्रॉड, लोन फ्रॉड, अश्लील वीडियों बनाकर ब्लैकमेल करके, लोगों के खाते में बहाने से पैसे डलवाने का लालच देना, बैक अधिकारी बनकर ओटीपी प्राप्त करना प्रमुख है।

  1. टेलीग्राम टास्क फ्रॉड- इस प्रकार के फ्रॉड व्हाट्सएप व टेलीग्राम ऐप के माध्यम से सम्पर्क करके पर्यटन आधारित व्यवसाय को रेटिंग करने, यूट्यूब पर लाइक व सब्सक्राइब करने के नाम पर अलग-2 के टास्क देकर लोगों से सम्पर्क करके फ्रॉड किया जाता है। इस तरह के अपराधों में साइबर ठग पहले लोगों से सम्पर्क करते है। उसके बाद लोगों को टेलीग्राम ऐप पर विभिन्न ग्रुपों में जोड दिया जाता है और कुछ छोटे व आसान टास्क देकर मामूली रकम उनके खाते में डाल दी जाती है। फिर लोगों को थोडे बडे ग्रुप में जोडकर टास्क का झांसा दिया जाता है और बाद में लोगों को और बडे गु्रप में डालकर अलग-2 बहानों से पैसे मांगकर फ्रॉड किया जाता है। लोगों को इस प्रकार के अपराधों से सजग रहना चाहिए।
  2. इन्वेस्टमेंट फ्रॉड- साइबर अपराधी व्हाट्सएप व टेलीग्राम ऐप के माध्यम से लोगों के पास मैसेज भेजकर लोगों द्वारा फर्जी साइटों पर ट्रेडिंग अकाउंट खुलवा लिये जाते है। उसके बाद पहले थोडा मुनाफा दिखाकर बाद में घाटा बतलाकर अलग-अलग नाम कभी लिमिट बढाने के नाम पर तो कभी विड्रोल की शर्त रख कर पैसे जमा करा लिये जाते है और उन्हें डॉलर में कन्वर्ट कराकर विदेषों में ट्रांसफर कर लिया जाता है।
  3. कस्टमर केयर अधिकारी बनकर फ्रॉड- इस प्रकार के अपराधों में गूगल सर्च इंजन पर विभिन्न बैंकों, ऑनलाइन मर्चेन्टों व अन्य ज्यादा सर्च की जाने वाली साइटों पर साइबर अपराधी बतौर कस्टमर केयर बनकर अपना प्राइवेट मोबाइल नंबर अपलोड कर देते है। जिसके बाद जब भी कोई नागरिक गूगल पर बैंकों, ऑनलाइन मर्चेन्टों आदि के कस्टमर केयर नंबर सर्च करके सम्पर्क करता है तो यह मोबाइल नंबर एक्टिव नही होता परंतु कुछ समय बाद दूसरे नंबर से सम्पर्क किया जाता है जो अपने आपको कस्टमर केयर अधिकारी बतलाते है और नागरिक की निजी जानकारियां प्राप्त करके उसके खातों से रकम फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खुलवाये गये बैंक खातों में प्राप्त करके धोखाधडी की जाती है।
  4. लोन फ्रॉड- एक मुख्य तरीका जरुरतमंद लोगों को लोन दिलाने के नाम पर रजिस्ट्रेशन फीस, सर्च रिपोर्ट, सर्वे रिपोर्ट आदि के नाम पर धोखाधडी करने का सामने आया है, जिसमें काफी ज्यादा लोग धोखाधडी का शिकार होते है। प्राइवेट नंबरों से नागरिकों को कम ब्याज दरों पर मनचाहा लोन दिलाने के नाम पर कॉलिंग की जाती है। जिसके बाद रजिस्ट्रेषन चार्ज, सर्च रिपोर्ट, सर्वे रिपोर्ट आदि के नाम पर फर्जी दस्तावेज के आधार पर खुलवाये गये बैंक खातों में रकम प्राप्त की ज…

जिला फरीदाबाद के अभियोगों में गिरफ्तारशुदा आरोपियों का भारत वर्ष में करीब 31,248 मामलों में संलिप्तता पाई गई है।

लोगों को साइबर अपराधों से बचने के लिए निम्न सावधानियां बरतनी जरूरी हैं-

  1. कभी भी किसी अनजान व्हाट्सएप, टेलीग्राम व अन्य सोशल मीडिया गु्रप से नही जुडना चाहिए।
  2. कभी भी अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी के साथ सांझा नही करनी चाहिए।
  3. कभी भी किसी संदिग्ध मैसेज, ईमेल व कॉल का उत्तर नही देना चाहिए।
  4. कभी भी अपने मोबाइल फोन, लैपटॉप या पीसी भी ऐसी कोई भी ऐप्लिकेशन डाउनलोड नही करनी चाहिए, जिसके कारण आपकी डिवाइस को रिमोटली कण्ट्रोल किया जा सके।
  5. किसी भी अनजान या संदिग्ध लिंक पर क्लिक नही करना चाहिए, इससे आपकी सारी व्यक्तिगत जानकारी साइबर अपराधियों के पास जा सकती है।
  6. कोई भी बैंक अधिकारी या ग्राहक सेवा अधिकारी फोन कॉल, ईमेल या मैसेज के जरिए आपकी व्यक्ति जानकारी नही मांगता है। इसलिए किसी को भी अपनी बैंकिंग संबंधित व अन्य व्यक्ति जानकारी सांझा नही करनी चाहिए।
  7. सोशल मीडिया या अन्य किसी भी माध्यम से आपको सस्ता रेट में सामान खरीदने का ऑफर मिलता है तो उसकी पैमेंट करने से पहले उसकी अच्छी तरह से जांच परख कर लें।
  8. किसी भी अनजान नम्बर से आने वाली वीडियो/ऑडियो कॉल को नही उठाना चाहिए। साइबर अपराध हॉट स्पॉट्स स्टेट- कई राज्यों साइबर अपराधियों का हॉट स्पॉट चिन्हित किया गया है। जिसमें अकेले राजस्थान के भरतपुर क्षेत्र के 49 हॉट स्पॉट, झारखण्ड (जामताड़ा) 05, महाराष्ट्र में 05 व दिल्ली में 07 साइबर अपराध हॉट स्पॉट पाए गए हैं। जिन पर कार्यवाही करते हुए साइबर पुलिस द्वारा 2726 मोबाइल नम्बर बंद कराने में सफलता हासिल की है। लोगों को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक करने के फरीदाबाद पुलिस के प्रयास-

फरीदाबाद पुलिस समय-समय साइबर अपराधों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाती रहती है। इसके लिए फरीदाबाद पुलिस द्वारा स्कूल, कॉलेज, गांव, कम्पनियां व सार्वजनिक स्थानों पर जाकर लोगों को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। फरीदाबाद पुलिस ने वर्ष 2023 में करीब 140 साइबर अपराध जागरूकता कार्यक्रम किए हैं। जिसके माध्यम से करीब 1.5 लाख लोगों को जागरूक किया जा चुका है। इसके अलावा 2470 पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों को ट्रेनिंग देकर साइबर एक्सपर्ट बनाया जा रहा है। ताकि साइबर अपराधों के मामलों को सुलझाने में तीव्रता आए।

इसके अलावा संचार साथी पोर्टल के माध्यम से विभिन्न पोर्टल के द्वारा आमजन को जागरूक किया जा रहा है।

  1. TAFCON- इस पोर्टल के माध्यम से किसी भी उपभोक्ता के नाम से कितने मोबाइल नंबर जारी हो रखे हैं, इसके बारे में पता किया जा सकता है।
  2. CEIR- इस पोर्टल के माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपने गुमशुदा फोन को ब्लॉक करा सकता है।
  3. KYM (Know Your Mobile)- इस पोर्टल के माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल हैंडसेट के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता है।
  4. M-Aadhar- इस पोर्टल के माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपनी बायोमेट्रिक लॉक करके AEPS Fraud फ्रॉड से बच सकता है।

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