पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस को अलविदा कहेंगे या फिर कांग्रेस में रहकर ही आगे की राजनीतिक पारी खेलेंगे इसका फैसला उनकी ओर से गठित 31 सदस्यीय समिति 3 सितंबर को करेगी। हुड्डा के नेतृत्व में आगे की लड़ाई किस तरह लड़ी जाएगी इसका निर्णय बिट्ठल भाई पटेल हाउस दिल्ली के स्पीकर हाल में बैठक के दौरान होगा।
हालांकि अभी हुड्डा कांग्रेस में ही पकड़ मजबूत बनाने व सारे अधिकार अपने पास रखने तथा प्रदेशाध्यक्ष व सीएलपी लीडर का पद भी अपने हाथों में लेने के लिए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी पर दबाव बना रहे हैं। वह सोनिया गांधी से मुलाकात भी कर चुके हैं, हालांकि उनकी तरफ से भी अभी तक कोई ठोस जवाब नहीं मिला है।
विधायक उदयभान ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि समिति के सभी सदस्यों को बैठक के बारे में अवगत करा दिया है। बैठक में आगे की पूरी रणनीति तैयार की जाएगी कि हुड्डा व उनके समर्थक विधायक, पूर्व विधायक व कांग्रेस से जुड़े नेता कांग्रेस में रहेंगे या फिर अलग राह पकडे़ंगे। विधायक उदयभान का मानना है कि इस बैठक के बाद हरियाणा में एक नया बदलाव होगा। भाजपा के बढ़ते जनाधार पर रोक लगेगी।
उन्होंने कहा कि भाजपा के कई विधायक आज भी पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि हुडडा के नेतृत्व में आने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा के रथ का पहिया रोक दिया जाएगा। प्रदेश की जनता भाजपा के कुशासन से मुक्ति पाने का काम करेगी।
विधायक ने दावा किया कि भाजपा का 75 पार का सपना कभी पूरा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा कांग्रेस में हुड्डा की मजबूती का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आज भी प्रदेश में कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं टूटा है तथा न ही कांग्रेस का कोई बड़ा नेता पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुआ है। सत्ता के स्वार्थी लोग ही भाजपा में शामिल हो रहे हैं और विधानसभा चुनावों में वे ही नेता भाजपा को डुबोने का काम करेंगे।