UP में बिजली मीटर को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा, बिना लगे ही रीडिंग दे रहे हैं मीटर

लखनऊ. बिजली विभाग में स्मार्ट मीटर के बाद अब इलेक्ट्रॉनिक मीटर से जुड़ा बड़ा घोटाला सामने आया है. रायबरेली में बिना मीटर लगाए ही ऑनलाइन फीड करने का घोटाला हुआ. साथ ही इन मीटर का इस्तेमाल कर पहले से चलते मीटर भी गायब कर दिए गए. वहीं, इटावा में भी बिजली मीटर से जुड़ी बड़ी गड़बड़ी सामने आई है. यहां बिना मीटर लगे ही उसकी रीडिंग 8 लाख 41 हज़ार यूनिट के पार तक पहुंच गई. राज्य उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने मामले में CBI जांच की मांग की है.

जीनस कंपनी से स्पष्टीकरण मांगा गया

रायबरेली में अधिशासी अभियंता ने मीटर के घोटाले को लेकर जीनस पावर कंपनी से स्पष्टीकरण मांगा है कि क्यों न उसके खिलाफ FIR दर्ज कराई जाए. असल मे फर्म ने साइट पर मीटर लगाए बिना ही ऑनलाइन सिस्टम पर मीटर फीड कर दिया. साथ ही इन मीटर का इस्तेमाल कर चलते हुए कमर्शियल और रेजिडेंशियल मीटर बदल दिए गए और पुराने उतारे गए मीटर को गायब कर दिया. इससे लाखों के राजस्व का नुकसान हुआ. ये मीटर उन उपभोक्ताओं के यहां लगने थे जिनके यहां बिजली कनेक्शन नहीं था.

मामले का खुलासा तब हुआ जब बिना मीटर लगे ही उपभोक्ताओं को अनाप शनाप बिल पहुंचे और उन्होंने हंगामा किया. बिजली विभाग के लोग जब फील्ड पर गए तो उपभोक्ताओं की नाराज़गी का शिकार होना पड़ा. इस बारे में अधिशासी अभियंता ने 13 अगस्त और 22 सितंबर को भी स्पष्टीकरण मांगा था. जिस पर कंपनी के प्रतिनिधि ने ये कहकर पल्ला झाड़ना चाहा कि मीटर लगाने वाली टीम के लोग अब वहां नही हैं और न ही उनके नियंत्रण में हैं. बहरहाल बिजली विभाग अब फर्म के खिलाफ फोर्जरी और गबन के मामले में FIR की तैयारी में है.

बिना लगे ही रीडिंग देने लगे मीट

वहीं, इटावा में भी मीटर की गड़बड़ी से जुड़ा हुआ मामला सामने आया है. यहां विद्युत भंडार केंद्र कुनैरा इटावा से भेजे गए मीटर बिना लगे पड़े पड़े ही रीडिंग देने लगे. एक मीटर की रीडिंग 8 लाख 41 हज़ार के पार पहुंच गई तो एक की पौने दो लाख के पार. इसी तरह 4 अन्य मीटर में भी हज़ारों यूनिट रीडिंग बिना मीटर लगे ही दिखने लगी. ये सभी 6 मीटर पावरटेक कंपनी के हैं. इस मामले में विद्युत परीक्षण शाला के सहायक अभियंता ने अधिशासी अभियंता को पत्र भेज फर्म के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की है. वहीं, इन मामलों को लेकर राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि बिजली मीटर के नाम पर हजारों करोड़ का खेल है. इसकी CBIजांच होनी चाहिए.

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