जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद केंद्रीय मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पर एनडीए की बैठक हुई. इस बैठक में विधानसभा चुनाव पर चर्चा के साथ-साथ एनडीए में आपसी समन्वय बढ़ाने पर जोर दिया गया. इसके साथ-साथ महत्वपूर्ण मुद्दों पर एक राय और घटक दलों के बीच में तालमेल बेहतर करने की कवायद की गई. इससे पहले जब पीएम मोदी ने जब बैठक की थी तब उन्होंने भी एनडीए के सभी दलों को साथ मिलकर काम करने और बेहतर तालमेल से काम करने को कहा था.
एनडीए घटक दलों की यह बैठक बीजेपी अध्यक्ष के आवास पर हुई. मीटिंग में शामिल नेताओं से उन्होंने नड्डा ने कहा कि कहा कि व्यस्तता के कारण हम मिल नहीं पाते हैं. संसद सत्र में भी व्यस्तता के कारण मिलना नहीं हो पाया. दो राज्यों में चुनाव की तारीखों का भी ऐलान हो गया है तो आगे भी व्यस्त रहेंगे और मिलना नहीं हो पाएगा. तो सोचा कि आपके साथ चाय पी लें.
बैठक में उठा नॉर्थ ईस्ट का मुद्दा
बैठक में छोटे छोटे सहयोगी दलों ने कहा कि संसद की कार्यमंत्रणा समिति में उनको जगह नहीं मिल पाई है जिससे वो बात नहीं रख पाते हैं. नॉर्थ ईस्ट के सहयोगियों ने कहा कि उनके लोगों पर और ध्यान देने की जरूरत है. एक सहयोगी ने कहा कि नार्थ ईस्ट में तो मजबूत विपक्ष नहीं है तो फिर हम क्यों कमजोर हैं. इस बैठक में महाराष्ट्र में एनसीपी चीफ अजित पवार और शिवसेना शिंदे गुट की ओर से कोई नेता शामिल नहीं हुआ था. इस पर बीजेपी चीफ ने कहा कि ये बैठक अचानक बुलाई गई, ऐसे में महाराष्ट्र में घटक दल चुनावी तैयारी में व्यस्तता के चलते नहीं आ सके.
क्यों अहम मानी जा रही यह बैठक?
प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से सेकुलर सिविल कोड की चर्चा छेड़ी है. आने वाले दिनों मे सरकार इसको लेकर आगे बढ सकती है क्योंकि ये बीजेपी के कोर एजेंडे में रहा है. पर सरकार जेडीयू और टीडीपी जैसे सहयोगियों की बैसाखी के सहारे है जिनके लिए मुस्लिम वोट बैंक अहम है. लिहाजा अगर सरकार सेकुलर सिविल कोड पर आगे बढ़ने का सोचती है तो टीडीपी और जेडीयू जैसे सहयोगियों को भी साथ लेना होगा. ऐसे में उनकी राय और रजामंदी दोनों भी जरूरी है. ऐसे ही सरकार जब वक्फ कानून में संशोधन का बिल कैबिनेट में लाई थी तब सरकार के सहयोगियों ने कैबिनेट में इस बिल का विरोध नहीं किया. पर जब ये बिल संसद में आया तो सरकार के सहयोगियों ने ही इस बिल को और ज्यादा चर्चा और हितधारकों की राय के लिए संसदीय समिति में भेजने की बात की. इसलिए बीजेपी एनडीए सहयोगियों को पूरी तवज्जो देना चाहती है.
बैठक में शामिल हुए ये नेता
आज की बैठक में बीजेपी की ओर से किरेन रिजिजू, भूपेन्द्र यादव , एल मुरूगन और अरुण सिंह शामिल हुए. वहीं, सहयोगी दलों से हम पार्टी के नेता जीतन राम मांझी, जेडीएस के एच डी कुमारस्वामी, अपना दल से अनुप्रिया पटेल, जेडीयू से संजय कुमार झा, टीडीपी से पेमा सनी चंद्रशेखर, निषाद पार्टी से प्रवीण निषाद, बीडीजेएस से तुषार वेलापल्ली शामिल हुए.
बीजेपी राष्ट्रीय महासचिवों की बैठक भी हुई
इस बैठक के बाद बीजेपी अध्यक्ष ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिवों के साथ बैठक की. इस बैठक में कल होने वाली राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक के एजेंडे पर चर्चा हुई और उसे अंतिम रूप दिया गया. राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक कल यानी शनिवार को दोपहर दो बजे होने वाली है. इस बैठक में पीएम मोदी भी शामिल होंगे और पदाधिकारियों का मार्गदर्शन करेंगे. संगठन के मामलों की दृष्टि से इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. बैठक में दो महत्वपूर्ण मुद्दों बीजेपी का राष्ट्रव्यापी सदस्यता अभियान और संगठन चुनाव पर चर्चा होगी. सदस्यता अभियान पूरा होने के बाद बीजेपी के संगठन के चुनाव होते हैं. मंडल से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक के चुनाव कराए जाते हैं. संभावना है कि संगठन चुनाव की प्रक्रिया दिसंबर तक पूरी हो जाएगी. इसके बाद नए अध्यक्ष का चुनाव होगा. बीजेपी के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल पूरा हो चुका है. वे केंद्र में मंत्री भी हैं और एक व्यक्ति एक पद के अनौपचारिक नियम से संभावना है कि उनकी जगह दूसरा पार्टी अध्यक्ष बनाया जाए.