फरीदाबाद/ गुरुग्राम: हरियाणा में विधानसभा चुनाव का शंघनाद बज चुका है. लेकिन बीजेपी में टिकट की तकरार शांत होने का नाम नहीं ले रही है. जहां एक ओर पार्टी आलाकमान सगे सम्बन्धियों को टिकट ना देने की बात कर रहे है वहीं गुरुग्राम के सांसद एवं केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह और फरीदाबाद के सांसद एवं केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुज्जर अपने परिवार के सदस्यों को टिकट दिलाने पर अड़े हुए है. खबरों की मानें तो राव इंद्रजीत सिंह अपनी बेटी आरती को टिकट दिलाने चाहते है वहीं कृष्णपाल गुज्जर अपने बेटे देवेंद्र चौधरी को टिकट दिलाने के लिए दिल्ली में डेरा जमाये हुए है. खबरों के मुताबिक दोनों केंद्रीय मंत्रियो ने बीजेपी से मंत्रीपद से इस्तीफे की बात तक कर दी है.
माना जा रहा है कि बीजेपी ने हरियाणा की सभी विधानसभा सीट पर अपने उम्मीदवार लगभग तय कर दिए है. बस 4-5 सीट ही बची है जिसमे टिकट का पेच फंसा हुआ है. ख़बर है कि आने वाले दो दिन में बीजेपी अपनी पहली लिस्ट जारी कर सकती है. अब देखना यह होगा कि बीजेपी में टिकट का संग्राम कितने दिन मे शांत होगा. मालूम हो कि इससे पहले भी बीजेपी आलाकमान ने कई सांसद और विधायकों के परिवार के लोगो को टिकट दी है. लेकिन इस बार बीजेपी में फिर टिकट की लड़ाई क्यों है?
कुछ उदहारण पर एक नज़र डाल लेते है.
बीते लोकसभा चुनाव के दौरान अभिनेता सन्नी देओल और अभिनेत्री हेमा मालिनी सभी को याद होगा. दोनों ही रिश्ते में माँ-बेटा है. सन्नी देओल को पंजाब के गुरदासपुर से लोकसभा का टिकट मिला तो वही हेमा मालिनी को मथुरा से लड़ाया गया. नतीजे साफ़ निकले दोनों ही जीतकर आज लोकसभा में पहुँचे है.
वही दूसरी ओर बात करे बीजेपी की कद्दावर नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की तो उनके पुत्र पंकज सिंह भी आज उत्तर प्रदेश में नॉएडा से विधायक है. इतना ही नहीं राजनाथ सिंह के बेटे को अभी हाल फिलहाल में उत्तर प्रदेश में मंत्री तक बना दिया गया है.
अब बात करते है मेनका गाँधी ओर वरुण गाँधी की. आपको बता दे कि दोनों ही बीजेपी से सांसद है ओर दोनों रिश्ते में माँ-बेटे है. मेनका गाँधी को बीजेपी ने सुल्तानपुर से टिकट दिया वही वरुण गाँधी को पीलीभीत से उम्मीदवार बनाया था. दोनों ने बीजेपी की टिकट से बड़ी जीत हासिल की थी