लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी को किसानों की तबाही से कोई परेशानी नहीं है. कोरोना संकट के बहाने बड़े उद्यमियों की दिक्कतें दूर करने में ही व्यस्त है. अखिलेश यादव ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि पिछले दिनों बेमौसम बरसात, ओलावृष्टि और आकाशी बिजली गिरने से किसान संकट से गुजरे थे और अभी उसके नुकसान से संभल भी नहीं पाए थे कि बाढ़ और टिड्डी दल के प्रकोप ने उनकी परेशानियों में भारी वृद्धि कर दी है. बीजेपी किसानों के साथ लगातार छल कर रही है.
अखिलेश बोले- बीजेपी कारपोरेट घरानों से जुड़ी है, उसकी सारी योजनाएं बड़े उद्यमियों के लिए
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और उनकी टीम-इलेवन तक के जो अफसर हैं, उनका खेती-किसानी, गांव-घर से कोई निकट संबंध नहीं है. इसलिए किसानों की तकलीफों पर उनका ध्यान नहीं जाता है. वे किसानों के प्रति संवेदनशून्य हैं. बीजेपी कारपोरेट घरानों से जुड़ी है, इसलिए उसकी सारी योजनाएं बड़े उद्यमियों के लिए बनती हैं.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों की फसलों की कहीं खरीद नहीं हुई. बहुत जगहों पर तो क्रय केंद्र ही नहीं खुले. जहां खुले थे, वहां किसान को किसी न किसी बहाने से ऐसे परेशान किया गया कि वह बिचौलियों और आढ़तियों को ही उत्पाद बेच दे.
अखिलेश ने कहा- गन्ना किसानों का 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया
अखिलेश ने कहा कि किसानों का हित करने के नाम पर बीजेपी सरकार ने डीजल के दाम बढ़ा दिए, जिसकी खेती किसानी में बहुत जरूरत होती है. बिजली के दाम भी बढ़ाए दिए गए. गन्ना किसानों का 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है. किसान की आय दोगुनी करने का दावा शुरू के दिन से ही झूठा है.
उन्होंने कहा कि देवरिया, बहराइच, आदि कई जनपदों में बाढ़ से हजारों बीघा जमीन जलमग्न हो गई है. किसानों की फसल नष्ट हो गई है. बीजेपी सरकार किसानों की तत्काल मदद की जगह अभी नुकसान के आकलन के फेर में ही पड़ी है.