चुनाव में हार के डर से बीजेपी दिल्ली में आग लगवा रही है, ये बीजेपी की घटिया राजनीति है: मनीष सिसोदिया

दिल्ली: नागरिकता कानून के विरोध में चल रहा जामिया के छात्रों का प्रदर्शन रविवार को उग्र हो गया। इन प्रदर्शनकारियों ने रविवार को कई बसों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी, जिसके बाद दिल्ली पुलिस को प्रदर्शनारियों को काबू में करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़े पड़े। अभी तक मिली सूचना के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर भी पत्थरबाजी की है। पुलिस ने फिलहाल मथुरा रोड को बंद किया हुआ है।

वही इस मामले ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस मामले पर कहा है कि आम आदमी पार्टी इस घटना की निंदा करती है. पार्टी कभी भी किसी हिंसा के साथ नहीं है. पार्टी अहिंसा में विश्वास रखती है. साथ ही उन्होंने कहा है कि “चुनाव में हार के डर से बीजेपी दिल्ली में आग लगवा रही है. AAP किसी भी तरह की हिंसा के ख़िलाफ़ है. ये बीजेपी की घटिया राजनीति है. इस वीडियो में ख़ुद देखें कि किस तरह पुलिस के संरक्षण में आग लगाई जा रही है.”

आपको बता दे कि कुछ समय बाद जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया गया तो जामिया विश्विद्यालय के गेट के अंदर से पुलिस पर पत्थरबाजी की गई। इस दौरान कैंपस के बाहर मौजूद भीड़ मुंह पर रूमाल बांधकर पुलिस पर पत्थरबाजी करते रहे। हालांकि, जामिया मिल्लिया छात्रों के समूह ने बयान जारी कर नागरिकता अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा से खुद को अलग किया। दिल्ली अग्निशमन सेवा के एक अधिकारी ने कहा कि घटनास्थल पर दमकल की चार गाड़ियां भेजी गई हैं। प्रदर्शनकारियों की हिंसा में एक दमकल गाड़ी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और दो कर्मी जख्मी हो गए।

नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय सचिव सिमॉन फारूकी ने दावा किया कि प्रदर्शनकारी शांतिपूर्ण तरीके से मथुरा रोड पर बैठे थे तभी पुलिस ने उनमें से कुछ को ‘‘परेशान’’ करने का प्रयास किया जिसका उन्होंने विरोध किया। जामिया मिल्लिया इस्लामिया छात्रों के एक समूह ने कहा कि हिंसा और आगजनी से उनका कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने आरोप लगाए कि ‘‘स्थानीय तत्व’’ प्रदर्शन में शामिल हो गए और उन्होंने इसे ‘‘बाधित किया।’’

उन्होंने कहा कि प्रदर्शन हिंसक हो जाने के कारण वे परिसर में लौट आए और परिसर में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे हैं। कुछ प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि जब वे शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे थे तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया। फारूकी ने कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। एक छात्र ने दावा किया कि पुलिसकर्मियों द्वारा बल प्रयोग करने के बाद कुछ प्रदर्शनकारियों ने बसों में आग लगा दी और तोड़फोड़ की।

Related posts

Leave a Comment