200 सांसद, 70 मंत्री और कई मुख्यमंत्री उतारने के बाद भी बीजेपी का दिल्ली सपना रह गया अधूरा

दिल्ली जीतने के लिए भाजपा ने इस बार भी जी-जान लगा दी थी। यहां तक कि भाजपा ने दिल्ली फतह करने के लिए अपने करीब 350 सांसदों व नेताओं को मैदान में उतार दिया था। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने खुद गली-गली घूमकर वोट मांगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोरदार भाषणों से आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला।

अमित शाह ने खुद 35 रैलियां कीं। ताजा रुझानों में भाजपा को पिछले चुनावों की तुलना में थोड़ा फायदा होते भी दिख रहा है। इसके बावजूद दिल्ली का तख्त अभी भी उसकी पहुंच से दूर है। दिल्ली की जनता फिर से अरविंद केजरीवाल पर भरोसा जताते दिख रही है।

पिछले दो लोकसभा चुनावों और कई विधानसभा चुनावों में मोदी मैजिक चलने के बावजूद पिछले 20 साल से भाजपा दिल्ली की सत्ता में वापसी नहीं कर पा रही है। इस बार जीतने के लिए आक्रामक चुनाव अभियान शुरू किया गया था। पार्टी के शीर्ष नेताओं ने कई रैलियों को संबोधित किया और रोड शो और डोर-टू-डोर अभियान चलाए। भाजपा ने 200 सांसदों, कई मुख्यमंत्रियों और लगभग सभी केंद्रीय मंत्रियों को चुनाव प्रचार में शामिल किया।

350 से अधिक नेताओं को मैदान में उतारा
इस बार भाजपा ने दिल्ली के 70 निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी के प्रचार के लिए 350 से अधिक नेताओं और उम्मीदवारों का इस्तेमाल किया। भाजपा शासित राज्यों के अधिकांश मुख्यमंत्री और एनडीए के सदस्यों ने भाजपा के प्रचार के लिए हाथ मिलाया।

अमित शाह ने 13 दिन में कीं 35 रैलियां
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ी। शाह ने भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में 47 चुनावी सभाएं कीं जिनमें 35 रैलियां और नौ रोड शो शामिल हैं। अमित शाह ने 13 दिनों में 35 रैलियां कीं। वहीं, भाजपा के नए अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लगभग 40 बैठकों और रोड शो में भाग लिया।

पीएम मोदी ने भी संभाला मोर्चा
दिल्ली चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी पार्टी के लिए प्रचार किया। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी पांच चुनावी सभाओं में भाग लिया जबकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस तरह की नौ बैठकों का हिस्सा बने।

यूपी के सीएम के निशाने पर रहा शाहीन बाग
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी दिल्ली विधानसभा में पार्टी प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार किया। उन्होंने शाहीन बाग पर निशाना साधा। शाहीन बाग में सीएए और एनआरसी के विरोध मुद्दे पर योगी आदित्यनाथ ने भी वोट बटोरने की कोशिश की। आदित्यनाथ ने ज्यादातर राष्ट्रीय राजधानी के पूर्वांचली बहुल इलाकों में चुनाव प्रचार किया।

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