CBI बनाम CBI की लड़ाई के बाद शुक्रवार को छुट्टी पर भेजे गए CBI निदेशक आलोक वर्मा को बहाल करने की मांग को लेकर कांग्रेस ने देशभर में CBI दफ्तरों के बाहर धरना प्रदर्शन कर रही है. राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि वह राष्ट्रीय राजधानी में CGO परिसर में CBI मुख्यालय के बाहर पार्टी के प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं. कांग्रेस के प्रदर्शन को देखते हुए CBI मुख्यालय की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. दिल्ली के लोधी रोड स्थित दयाल सिंह कॉलेज से शुरू हुआ कांग्रेस का मार्च सीबीआई मुख्यालय के बाहर पहुँचा. राहुल गांधी पुलिस बैरीकेड पर बैठ गए. इसके लिए बड़ी संख्या में कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता दयाल सिंह कॉलेज में एकत्र हुए थे.
आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने के केंद्र के फैसले के खिलाफ कांग्रेस दयाल सिंह से लेकर सीबीआई मुख्यालय तक विरोध मार्च कर रही है. इस विरोध मार्च में शरद यादव, टीएमसी और सीपीआई भी शामिल हैं. इस दौरान राहुल गांधी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने राफेल मामले की जांच से बचने के लिए सीबीआई के डायरेक्टर को हटाया है. हम चौकीदार को चोरी नहीं करने देंगे.’ साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा है की पीएम ने अनिल अंबानी की जेब में देश की जनता का पैसा डाला.
आपको बता दे कि गुरुवार को राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि सीबीआई डायरेक्टर को केवल हटाया नहीं गया बल्कि उनके पास मौजूद दस्तावेज़ को भी खत्म किया गया. इसके पीछे मुख्य वजह यही थी कि सीबीआई डायरेक्टर राफेल मामले में पीएम के खिलाफ जांच करने जा रहे थे. इसी चिंता के कारण उन्हें हटा दिया गया. मोदी को डर था कि अगर सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा ने जाँच में पता कर लिया तो दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा. पूरे देश को पता चल जायेगा की प्रधानमंत्री ने अनिल अम्बानी को राफेल सौदा कराकर भ्रष्टाचार किया है.
साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि सीबीआई की नियुक्ति या हटाने का काम तीन लोगों की समिति करती है जिसमें पीएम, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और विपक्ष का नेता शामिल होते हैं लेकिन रात के दो बजे जिस तरह डायरेक्टर को हटाया उसमें सीजेआई, नेता विपक्ष की कोई सलाह नहीं ली गई और ये पूरी तरह असंवैधानिक मामला है.