कोलकाताः सीबीआई बनाम कोलकाता पुलिस के मामले में अभी कोई भी फैसला लेने के लिए पश्चिम बंगाल बीजेपी ने तय नहीं किया है. राज्य बीजेपी का मानना है कि राष्ट्रपति शासन के लिए अभी जल्दबाज़ी करने की ज़रूरत नहीं है. रविवार को कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ करने गए सीबीआई के अधिकारियों के साथ धक्का मुक्की का आरोप लगा था. ऐसा बताया जा रहा था कि पुलिस ने सीबीआई अधिकारियों को हिरासत में भी ले लिया था. जानकार मानते हैं कि ये मामला हाईकोर्ट मामला चल रहा है उसमे कोलकाता पुलिस कैसे बाधा डाल सकती है?
उधर इसी घटना को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ केंद्रीय राजनेता अब मैदान में उतर चुके हैं. अब ममता के धरने को लेकर भी कई तरह के आरोप प्रत्यारोपों का दौर चालू हो गया है. मौका देख के बीजेपी अब ममता बनर्जी को घेरना शुरु कर दिया है. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी राष्ट्रपति शासन लगाने के संकेत दे दिए थे. लेकिन 24 घंटें में ही उन्होंने अपनी इस मंशा को फिलहाल के लिए टाल दिया है. उनका कहना है की फिलहाल अभी धारा 356 नहीं लगाएंगे, घोष का कहना है कि उन्होंने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को इस बात से अवगत करा दिया है.
कोलकाता पहुंचे केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के साथ हुई प्रदेश बीजेपी की बैठक में नेताओं ने कहा कि पश्चिम बंगाल में फिलहाल धारा 356 लगाने की ज़रूरत नहीं और राष्ट्रपति शासन अभी से लागू करने से ममता बनर्जी का पक्ष और भी ज़्यादा मज़बूत हो सकता है क्योंकि वह इस पूरे मामले को पूरी तरह भुनाने की कोशिश करेंगी और बीजेपी उन्हें इसका मौका नहीं देना चाहती है. प्रदेश बीजेपी का मानना है कि ऐसा करने से पार्टी को राज्य में नुकसान हो सकता है.
इसके विपरीत बीजेपी ने अब ममता बनर्जी को उसी राह पर फ़साने की कवायद शुरू कर दी है जिस राह पर ममता चल चुकी है. सीबीआई के साथ हुए इस घटना से गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अपने गुस्से का इज़हार किया है और लोकसभा में भी राजनाथ सिंह बंगाल सरकार की भरत्सना की थी. वहीं दूसरी तरफ ममता विपक्षी पार्टियों को भी अपने साथ लाने में सफल हुई हैं.