दिल्ली: राजधानी में सर्विस मैटर के फैसले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रेस कांफ्रेंस की है. इस दौरान केजरीवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का जो ऑर्डर आया है ये कई मायनों में बहुत एतिहासिक फैसला है, दिल्ली के लोगों की जीत है उनके साथ जो अन्याय हुआ था उसका न्याय किया. हमारी दिल्ली में 14 फरवरी 2015 को सरकार बनी थी. अगले तीन महीने बाद ही 23 मई 2015 को प्रधानमंत्री ने आदेश दिया था कि चपरासी से लेकर ऊपर के अधिकारियों की नियुक्ति और ट्रांसफर दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास नहीं रहेगा.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम 8 साल से संघर्ष कर रहे हैं. प्रधानमंत्री के उस आदेश का इस्तेमाल कर के दिल्ली के कामों को रोका गया. ऐसे अधिकारियों की नियुक्ति हुई जो काम नहीं करते थे. मेरे दोनों हाथों को बांध दिया गया और नदी में तैरने के लिए छोड़ दिया था. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर हमारे पास ये शक्तियां होती तो सोचिए हम कितना काम कर सकते थे. मैं चीफ जस्टिस और सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद देता हूं, साथ ही दिल्ली की जनता का भी धन्यवाद करता हूं.
8 साल हमें बिना अधिकार के काम करना पड़ा- CM केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री पिता समान होते हैं, जैसे परिवार में पिता होता है. वे हमारे भी प्रधानमंत्री हैं. उम्मीद होती है कि हमारी मदद करेंगे. हालांकि, आठ साल हमें बिना अधिकार के काम करना पड़ा. केंद्र का वो आदेश गलत था. मकसद था दिल्ली की AAP सरकार को फेल करना. चुनाव में जो बोलना है बोलो, उसके बाद हमें मिलकर काम करना होता है. अरविंद केजरीवाल बोले कि मेरी उनसे अब यही प्रार्थना है कि अब हमें काम करने दें. जब आपकी सरकार बने तो आप करना.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद काम होगा 10 गुना- CM
सीएम केजरीवाल ने कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद काम 10 गुना होगा. आने वाले दिनों में बहुत बड़े प्रशासनिक फेरबदल कर किया जाएगा. कुछ अधिकारी ऐसे थे जिन्होंने मोहल्ला क्लिनिक का काम रोका जल बोर्ड का काम रोका, ऐसे अधिकारियों को कर्मों की सजा मिलेगी और जो अच्छे और ईमानदार अधिकारी और कर्मचारी हैं उनको दिल्ली की जनता की सेवा करने के मौका दिया जाए. दिल्ली में प्रशासनिक बदलाव किए जाएंगे, एक लीन, थिन और कम्पैबीनेट अधिकारियों को रखा जाएगा.
ईमानदारी से काम न करने वालों पर विजिलेंस करेगी काम
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कुछ ऐसी पोस्ट हैं जिनकी जरुरत नहीं है. उनको हटा ही दिया जाए तो अच्छा रहेगा. सर्विसेज आने के बाद हम नए पोस्ट क्रिएट कर सकते हैं. जो लोग ईमानदारी से काम नहीं करेंगे. उनके खिलाफ विजिलेंस काम करेगी. अभी LG से आशीर्वाद लेने जा रहा हूं. पहले जिम्मेदारी विद आउट पावर थी अब विद पावर है. ऐसी बहुत सारी फाइलें हैं जो अटके हुए हैं, मोहल्ला क्लिनिक, दिल्ली जल बोर्ड की फाइल है. दिल्ली के अधिकारियों की भी बैठक भी ली जाएगी. उपराज्यपाल के लिए गए बहुत सारे फैसले गलत थे, एल्डर मैन, टीचर्स की ट्रेनिंग अब हमें ज्यादा कोर्ट नहीं जाना पड़ेगा.