पंजाब विधानसभा में कांग्रेस के नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से राज्य के वित्तीय अधिकारों की रक्षा के लिए दिल्ली में प्रदर्शन करने को कहा है. बाजवा ने ट्वीट करके कहा कि सीएम मान अब दिल्ली में धरना प्रदर्शन क्यों नहीं करते, जैसा कि उन्होंने तब किया था जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से सीबीआई ने शराब आबकारी के मामले में पूछताछ की थी?
प्रताप सिंह बाजवा ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से राज्य के वित्तीय अधिकारों की रक्षा के लिए बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया. बाजवा ने कहा कि सीएम मान ने आम आदमी पार्टी के अन्य नेताओं के साथ इस साल अप्रैल में दिल्ली में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कार्यालय के बाहर दिल्ली में अरविंद केजरीवाल से शराब आबकारी नीति मामले में जांच एजेंसी द्वारा पूछताछ के खिलाफ धरना दिया था.
केंद्र सरकार का विरोध क्यों नहीं कर सकते?
बाजवा ने कहा कि ‘अगर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भारत की शीर्ष जांच एजेंसियों में से एक सीबीआई की अरविंद केजरीवाल से पूछताछ करने के लिए धरने पर बैठ सकते हैं, तो वो राज्य के अधिकारों की रक्षा के लिए केंद्र सरकार का विरोध क्यों नहीं कर सकते? उन्होंने कहा कि सीएम को केंद्र सरकार से जुड़े मुद्दों पर सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए.
पंजाब सरकार की नीतियों का परिणाम
उन्होंने कहा कि धन की कमी से जूझ रहे पंजाब को हाल ही में केंद्र से कुछ बड़े वित्तीय झटके लगे हैं. इनमें से कुछ पंजाब सरकार की अपनी नीतियों का परिणाम हैं. केंद्र सरकार ने पंजाब की उधार सीमा को 18,000 करोड़ रुपये तक घटाकर 39,000 करोड़ रुपये से 21,000 करोड़ रुपये कर दिया है. आशंका जताई जा रही हैं कि राज्य में पुरानी पेंशन योजना बहाल होने के कारण ऐसा हुआ है.
केंद्र सरकार ने अनुदान पर लगाई रोक
इसके अलावा केंद्र ने 2,600 करोड़ रुपये का अनुदान (पूंजीगत परिसंपत्तियों के विकास के लिए विशेष सहायता अनुदान) और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 800 करोड़ रुपये के अनुदान पर भी रोक लगा दी है. हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने पंजाब की आप सरकार को केंद्र द्वारा वित्त पोषित स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों (एचडब्ल्यूसी) को आम आदमी क्लीनिक में बदलने को लेकर चेतावनी भी दी थी.
राज्य को 1000 करोड़ रुपये का नुकसान
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार ने ग्रामीण विकास फीस (आरडीएफ) को पूरी तरह से हटा दिया है और बाजार विकास फीस (एमडीएफ) को 3 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत कर दिया है. इस कदम से राज्य को 1,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने की आशंका है. केंद्र ने अभी तक 4,000 करोड़ रुपये का ग्रामीण विकास कोष जारी नहीं किया है, जो सड़कों के निर्माण सहित पंजाब के ग्रामीण विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण निधि है.
सर्वदलीय बैठक क्यों नहीं बुलाते मुख्यमंत्री?
बाजवा ने कहा कि ‘क्या केंद्र सरकार के इस तरह के बर्ताव से पंजाब के सीएम निराश नहीं होते? और अगर ऐसा होता है, तो इन मुद्दों पर सर्वदलीय बैठक क्यों नहीं बुलाते या दिल्ली में धरना-प्रदर्शन क्यों नहीं करते, जैसा कि उन्होंने तब किया था जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से सीबीआई के पूछताछ कर रही थी.” हालांकि अब तक सीएम भगवंत मान ने बाजवा के द्वारा पूछे गए सवालों का कोई जवाब नहीं दिया है. इसके इलावा दिल्ली में केंद्र सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने या सर्वदलीय बैठक बुलाने को लेकर भी उनकी तरफ से कोई जवाब या ट्वीट सामने नहीं आया है.