कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम की ओर से नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर दिए गए बयान पर सियासी हंगामा खड़ा हो गया है. सत्ताधारी बीजेपी ने उनके बयान को तुष्टिकरण की राजनीति करार देते हुए हमला बोला है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि तुष्टिकरण की राजनीती में अंधी कांग्रेस पहले चरण में अपना सूपड़ा साफ होते देख बोखला गई है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री के बयान पर पलटवार करते हुए अमित शाह ने आगे कहा, कांग्रेस पार्टी अपने वोटबैंक को खुश करने के लिए प्रताड़ित हिंदू, बौद्ध, जैन, ईसाई, सिख और पारसी समुदाय के लोगों का अहित करने पर आमदा है. मोदी जी की गारंटी है कि धर्मिक प्रताड़ना झेल कर भारत आए हिंदू, बौद्ध, जैन, ईसाई, सिख और पारसी समुदाय के एक-एक व्यक्ति को CAA से नागरिकता मिलेगी, इसको कोई नहीं रोक सकता.
‘कांग्रेस को जल्दी न्याय मिलने से समस्या है’
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि मोदी जी ने अंग्रेजों की गुलामी के कालखंड के आपराधिक कानूनों को बदल कर भारत को दुनिया की सबसे आधुनिक न्याय व्यवस्था दी और कांग्रेस उसको बदलने की बात कर रही है. कांग्रेस को हिंदू, बौद्ध, जैन, ईसाई, सिख और पारसी भाइयों को नागरिकता मिलने से समस्या है. कांग्रेस को नए कानूनों से 3 साल के अन्दर न्याय मिलने से समस्या है.
शाह बोले- कांग्रेस तो मुख्य विपक्ष बन पाना भी मुमकिन नहीं
उन्होंने कहा कि देश की जनता 2014 और 2019 की ही तरह पहले से भी अधिक ताकत के साथ इस बार के चुनाव में भी कांग्रेस को सबक सिखाने वाली है. कानूनों को बदलने के लिए सरकार में आना होता है और कांग्रेस का तो मुख्य विपक्ष तक बन पाना भी मुमकिन नहीं है. भारत की मूल संस्कृति और विचार को दबाने वाले कांग्रेस के पंजे से देश ने अपने आप को मुक्त कर लिया है.
क्या कहा था कांग्रेस नेता पी चिदंबरम?
दरअसल, कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने रविवार को केरल में एक सभा में केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि मोदी के 10 साल के शासन में भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता गंभीर रूप से कमजोर हुई है. उन्होंने लोगों से ‘लोकतंत्र को बहाल’ करने की अपील करते हुए कहा था कि भले ही कांग्रेस के घोषणापत्र में विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन इंडिया गठबंधन के सत्ता में आने पर इसे निरस्त कर दिया जाएगा.