एनसीपी प्रमुख शरद पवार की गौतम अडानी से दोस्ती कोई आज नहीं है बल्कि 20 साल पुरानी है. यही कारण है कि पवार अडानी मुद्दे पर खुलकर नहीं बोलते हैं. हाल के दिनों में कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने अडानी विवाद पर मोदी सरकार को घेरा था और जेपीसी की मांग की थी लेकिन बीते शुक्रवार को पवार ने जेपीसी की मांग को बकवास बताया था.
उन्होंने कहा था कि जेपीसी से कुछ नहीं होने वाला है. दरअसल, पवार ने गौतम अडानी का बचाव किया था. उन्होंने कहा था कि आजकल सरकार की आलोचना के लिए अंबानी-अडानी के नामों का इस्तेमाल होने लगा है. पवार के इस बयान के बाद कांग्रेस में हंगामा मच गया. पार्टी के कई नेता पवार पर निशाना साधने लगे. कांग्रेस नेता अल्का लांबा ने तो उन्हें लालची तक कह दिया था.
पवार ने अडानी को बताया सरल और डाउन टू अर्थ
शरद पवार और गौतम अडानी की दोस्ती उस समय की है, जब अडानी कोयला सेक्टर में विस्तार की संभावना तलाश रहे थे. इसका जिक्र एनसीपी प्रमुख पवार ने अपनी आत्मकथा ‘लोक माझे सांगाती’ में की है. पवार की यह आत्मकथा साल 2015 में मराठी भाषा में प्रकाशित हुई थी. इस ऑटोबायोग्राफी में पवार ने अडानी की जमकर तारीफ की है. उन्होंने अडानी को साधारण, मेहनती और जमीन से जुड़ा व्यक्ति बताया है.
कैसे खड़ा किया इतना बड़ा साम्राज्य
इसके अलावा उन्होंने अडानी को लेकर कई सारी बातें लिखी हैं. पवार ने अपनी आत्मकथा में यह भी लिखा है कि अडानी ने उनके ही कहने के थर्मल पावर सेक्टर में कदम रखा था. उन्होंने अडानी के शुरुआती दिन के बारे में भी अपनी इस किताब में जिक्र किया है कि अडानी कैसे मुंबई के एक लोकल ट्रेन में सेल्समैन का काम करते थे और वह कैसे देश के सबसे बड़े उद्योगपति बन गए.
अडानी ने कठिन परिस्थिति में भी चुनौती को किया स्वीकार
पवार ने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि अडानी ने कभी हार नहीं मानी. उन्होंने हर कठिन परिस्थिति में चुनौती को स्वीकार किया और आगे बढ़ने की कोशिश की. उन्होंने अपनी किबाब में ये भी लिखा है कि महाराष्ट्र के विकास के लिए उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में कई बिजनेसमैन के साथ करीबी बढ़ाई.