दिल्ली: कांग्रेस नेतृत्व के लिए हरियाणा की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। राज्य में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुलदीप बिश्नोई पर शिकंजा कसने से पार्टी की चिंता बढ़ गई है। हरियाणा के प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर दोनों नेताओं पर कार्रवाई और संगठन में फेरबदल को लेकर चर्चा की।
दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एसोसिएट जर्नल लिमिटेड (एजेएल) को पंचकूला में भूमि आवंटन करने के मामले में पहला आरोपपत्र दायर किया है, जिसमें हुड्डा और मोती लाल वोरा का नाम भी शामिल है। वहीं, आयकर विभाग ने कुलदीप बिश्नोई पर बेनामी संपत्ति रोधी कानून के तहत कार्रवाई की है। पार्टी का मानना है कि विधानसभा चुनाव नजदीक आने पर इन दोनों नेताओं पर हमले और तेज होंगे। लिहाजा पार्टी को उसी के मुताबिक रणनीति बनानी होगी ताकि इसका चुनाव में ज्यादा नुकसान न हो।
कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि हरियाणा में चुनाव होने हैं, इसलिए यह तो होना ही था। भाजपा चुनाव राष्ट्रवाद, ध्रुवीकरण, धर्म और आरोप लगाकर लड़ना चाहती है ताकि जनता अन्य अहम सवालों के जवाब न मांगे।
इस बीच, पार्टी की तमाम कोशिशों के बावजूद हरियाणा में गुटबाजी खत्म नहीं हो सकी। हुड्डा की महापरिवर्तन रैली के बाद वरिष्ठ नेताओं ने प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर को बदलकर किसी और को अध्यक्ष बनाने का फार्मूला सुझाया था। माना जा रहा है कि सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद जल्द ही इस पर फैसला हो सकता है। हरियाणा में भी अध्यक्ष के साथ दो से तीन कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं।