अमेरिका में कोरोना से हो सकती है 22 लाख लोगों की मौत, अमेरिकी वैज्ञानिकों का दावा

दिल्ली: कोरोना पर अमेरिका से एक डराने वाली खबर आई है। अमेरिका के 20 वैज्ञानिकों ने कहा है कि कोरोना से वहां 22 लाख लोगों की जान जा सकती है जबकि अमेरिका की 60 फ़ीसद से ज़्यादा आबादी इससे संक्रमित हो जाएगी। अमेरिका में अब शहरों के बाद गांवों में भी कोरोना फैल रहा है। अमेरिका के सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने कई एक्सपर्ट से बात की है और जो डेटा निकल कर आया है वो बहुत डराने वाला है।

इसके मुताबिक़ अमेरिका की 48 से 65 फ़ीसद आबादी कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाएगी और इनमें एक फ़ीसद लोगों की मौत होने की आशंका है। अगर अमेरिका संक्रमण रोकने में नाकाम रहा तो 17 लाख लोगों की मौत तय है। न्यू जर्सी के पास एक छोटी आबादी वाले इलाक़े एंडोवर में एक नर्सिंग होम में 5 और शव मिले हैं जबकि कुछ ही दिन पहले यहां से 13 शव ले जाए जा चुके हैं।

इस इलाक़े में अब तक 68 लोगों की मौत हो चुकी हैं। इनमें दो नर्स भी हैं। यानी अमेरिका के छोटे शहर और गांव अब कोरोना के नये हॉटस्पॉट बनते जा रहे हैं। अगर हालात बिगड़े तो वैसा ही हो सकता है जैसा मार्च में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप ने आशंका जताई थी। उन्होंने कोरोना को लेकर कई ग्राफ़ पेश किये थे। ये रिपोर्ट उनकी कोरोना टास्क फोर्स की ही रिपोर्ट थी।

अमेरिका में अभी तक साढ़े सात लाख लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं और 40 हज़ार लोगों की मौत भी हो चुकी है लेकिन सबसे डराने वाला ग्राफ़ आया है वो 20 से 22 लाख मौतों की आशंका को गंभीरता से लेने की बात पर ज़ोर देता है। अमेरिका में शुरुआत के 70 हज़ार केस होने में 63 दिन का वक़्त लगा था जबकि 70 हज़ार से 7 लाख केस तक पहुंचने में अमेरिका को सिर्फ़ 23 दिन लगे। यानी अमेरिका में कोरोना आउट ऑफ कंट्रोल हो चुका है और इसे क़ाबू में लाने के लिये अमेरिका को बहुत मेहनत और प्लानिंग से काम करना पड़ेगा।

सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के निदेशक डॉ रॉबर्ट रेडफील्ड ने कहा, “अब हम कोरोना संक्रमण के नये दौर में दाख़िल हो रहे हैं और हम दोबारा इसे तेज़ी से रोकेंगे। हमने देखा है कि ये केस पूरे अमेरिका में फैल चुके हैं और अब हमें तेज़ी से जांच करनी होगी, संक्रमित लोगों को अलग करना होगा, उनसे मिले लोगों को ट्रेस करना होगा, इसी के ज़रिये हम कोरोना के ख़िलाफ़ पूरे अमेरिका में असरदार तरीक़े से काम कर सकते हैं।”

अमेरिका में कोरोना की वजह से औसतन हर रोज़ 2 हज़ार लोगों की मौत हो रही है जबकि वहां दिल की बीमारी से हर रोज़ 1774 और कैंसर से हर रोज़ 1641 लोग मर जाते हैं। कोरोना के साथ बुरी बात ये है कि इसके मरीज़ों से दूसरों को संक्रमण का ख़तरा है। मरीज़ों की तादाद बढ़ेगी तो अस्पतालों पर बोझ बढ़ेगा। ICU में जगह नहीं होगी, अस्पताल में बिस्तर कम पड़ जाएंगे। अमेरिका में इस वक़्त यही हाल है। अमेरिका में मेडिकल सिस्टम इस वक़्त पूरी तरह चरमरा चुका है।

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