यूपी के लखनऊ में बैंक ऑफ बड़ौदा के लॉकर से ग्राहक के एक करोड़ के सोने के जेवर और कॉइन गायब होने पर हड़कंप मच गया है. इसके बाद बैंक से समाधान ना मिलने पर ग्राहक ने लॉकर की देखरेख करने वाले कर्मचारी सहित बैंक ऑफ बड़ौदा के स्टाफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया है. पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है.
जानकारी के मुताबिक, लखनऊ के चौक थाना क्षेत्र में अमित प्रकाश बहादुर का खाता बैंक ऑफ बड़ौदा ब्रांच के कोनेश्वर चौराहे स्थित बैंक में है. यह खाता उनके माता-पिता के साथ ज्वाइंट अकाउंट में है. अमित प्रकाश ने एक लॉकर उस बैंक में ले रखा था. उनका कहना है कि बैंक लॉकर में लगभग 200 तोले के अपने माता-पिता के और पुश्तैनी जेवर रखे हुए थे.
बताया जा रहा है उन जेवर और कॉइन की कीमत लगभग 1 करोड़ 5 लाख के आसपास है. ग्राहक समय-समय पर अपने माता-पिता को लेकर ऑपरेट करने बैंक जाते रहते हैं लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के दौरान में बैंक जाकर लॉकर को चेक नहीं कर पाए थे. पीड़ित अमित बहादुर का कहना है कि हाल ही में 23 अक्टूबर को वह अपने माता पिता के साथ लॉकर ऑपरेट करने पहुंचे थे. इस दौरान उनके साथ बैंक की लॉकर ऑपरेटर स्वाति भी साथ गई.
हालांकि, एक चाबी ऑपरेटर और दूसरी ग्राहक के पास रहती है, जिसकी वजह से दोनों चाबियों को एक साथ लगाने पर लॉकर खुल जाता है. लेकिन जब बैंक कर्मचारी स्वाती ने लॉकर में चाबी लगाई तो वह फंस गई और लॉकर अंदर से खुद खुल गया. जब लॉकर चेक किया गया तो उसमें सारा सामान गायब था.
जब इस मामले की शिकायत बैंक के मैनेजर से की गई तो उन्होंने पीड़ित को जांच का आश्वासन दिया. लेकिन काफी इंतजार के बाद भी बैंक की तरफ से सटीक जवाब न मिलने पर पीड़ित ग्राहक ने बैंक के कर्मचारियों और लॉकर ऑपरेटर के खिलाफ धारा 406 में मुकदमा दर्ज करवाया है. और पुलिस पूरे मामले की छनबीन में जुट गई.
पीड़ित अमित बहादुर का कहना है, ‘मैं बेंगलुरु में रहता हूं. मैंने इस मामले की शिकायत कई बार बैंक से की, पर कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं जिसके बाद हमने एफआईआर दर्ज कराई है. पीड़ित ने आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है कि बैंक की मिलीभगत के बिना कोई सामान लॉकर से गायब हो जाए. पुलिस अभी जांच कर रही है’.
इस मामले को लेकर डीसीपी क्राइम पी के तिवारी का कहना है कि बैंक ऑफ बड़ौदा के लॉकर से 200 तोले के जेवरात गायब हैं जिसकी पीड़ित ने एफआईआर दर्ज करवाई है. फिलहाल मामले की छनबीन की जा रही है.