कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि के एक मामले की सुनवाई अब 2 मई को होगी. उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर की सांसद-विधायक अदालत (एमपी/एमएलए कोर्ट) में किसी न्यायाधीश की नियुक्ति नहीं होने के कारण गांधी के खिलाफ करीब छह वर्ष पुराने मानहानि मामले में सोमवार को सुनवाई नहीं हो सकी.
राहुल गांधी के अधिवक्ता काशी प्रसाद शुक्ला ने बताया कि एमपी/एमएलए अदालत में सोमवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन एमपी/एमएलए अदालत में अभी तक किसी न्यायाधीश की नियुक्ति नहीं हुई है. ऐसे में अदालत ने अगली सुनवाई के लिए दो मई की तारीख मुकर्रर की है.
कब की थी शिकायत? राहुल गांधी ने कर्नाटक चुनाव के दौरान बेंगलुरु में एक संवाददाता सम्मेलन में बीजेपी नेता अमित शाह के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसको लेकर राहुल गांधी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के नेता विजय मिश्रा ने चार अगस्त, 2018 को मानहानि की शिकायत की थी. विजय मिश्रा ने मामले के बारे में बताते हुए कहा कि जब यह घटना हुई, मैं उस समय बीजेपी का जिला उपाध्यक्ष था और ये मामला पिछले छह साल से चल रहा है.
शिकायतकर्ता ने राहुल गांधी की उस टिप्पणी का हवाला दिया जिसमें कांग्रेस नेता ने कहा था कि बीजेपी ईमानदार और स्वच्छ राजनीति में विश्वास करने का दावा करती है, लेकिन उनकी पार्टी का अध्यक्ष हत्या के मामले में ‘आरोपी’ है. राहुल गांधी ने जब टिप्पणी की तब अमित शाह बीजेपी अध्यक्ष थे.
कर दिया था आरोपमुक्त
गांधी की टिप्पणी से पहले, मुंबई की एक विशेष सीबीआई अदालत ने 2005 के फर्जी मुठभेड़ मामले में शाह को आरोपमुक्त कर दिया था. पिछले साल दिसंबर में अदालत ने राहुल गांधी के खिलाफ वारंट जारी किया था. इसके बाद राहुल गांधी 20 फरवरी को अमेठी में अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा रोककर अदालत में पेश हुए और उन्हें जमानत मिली थी. राहुल गांधी को 25 हजार की सिक्योरिटी और 25 हजार के बेल बॉन्ड पर जमानत मिली थी.