यहां जलमंत्री आतिशी ने स्थानीय लोगों से बातचीत की तो लोगों ने बताया कि वे वर्षों से इस इलाके में रह रहे हैं, लेकिन इस तरह का सीवरेज संकट पहले कभी नहीं देखा. लोगों ने बताया कि जब वे जलबोर्ड के फील्ड स्टाफ को अपनी शिकायतें देते हैं तो वो कहते हैं कि उनके पास मशीनों की कमी है, सीवर रखरखाव के लिए स्टाफ की कमी है और उनके पास बजट नहीं है. इसलिए सीवर लाइन नहीं बदल सकते और फंड नहीं है। इसलिए सीवर मशीनें नहीं बढ़ सकतीं है.
निरीक्षण के दौरान मिली कई शिकायतें
निरीक्षण के दौरान स्थानीय विधायक ने भी जलमंत्री से साझा किया कि पिछले साल तक उत्तम नगर विधानसभा में सीवर और पानी की पाइपलाइनों के रखरखाव के लिए 73 कांट्रैक्ट लेबर तैनात थे, लेकिन इस साल इसे घटाकर महज 18 लोगों तक सीमित कर दिया गया है.साथ ही, पूरी विधानसभा में पिछले साल 14 सीवर सफाई मशीनें तैनात की गई थीं जो अब घटकर सिर्फ 7 मशीनें रह गई हैं.
जलमंत्री आतिशी के निर्देश-
दिल्ली के हर हिस्से में पर्याप्त संख्या में लेबर और मशीनों की तैनाती सुनिश्चित की जाए ताकि सीवर ओवरफ्लो न हो और दिल्ली के लोगों को असुविधा न हो.
अगले 48 घंटों के भीतर डीजेबी को आवंटित बजट में से धनराशि जारी किया जाए.
जानबूझकर वित्तीय संकट पैदा करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, जिनके कारण दिल्ली एक बड़े स्वास्थ्य संकट के मुहाने पर खड़ा है.