दिल्ली. देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में वायु प्रदूषण (Air Pollution) खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. दीपावली के त्योहार (Diwali 2020) से पहले प्रदूषण के ये आंकड़े डराने वाले हैं. दिल्ली में आज वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) का स्तर 874 रहा तो नोएडा में 999 से अधिक और गाजियाबाद में 767 पर पहुंच गया. इसके अलावा वायु गुणवत्ता सूचकांक ग्रेटर नोएडा में 438 और गुरुग्राम 516 पर पहुंच गया है. इस वजह से खुली हवा में लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल हो गया है. जबकि दिल्ली और आसपास के इलाकों में प्रदूषण की वजह से सुबह से ही धुंध का असर साफ दिख रहा है.
मौसम विभाग का कहना है कि अभी किसी तरह की कोई मूवमेंट नहीं हो रही है ऐसे में दिल्ली वालों को राहत की कोई उम्मीद नहीं है. जबकि नोएडा में हालात बिगड़ने के बाबत नोएडा के डीसीपी ट्रैफिक ने न्यूज़ 18 से ख़ास बातचीत में कहा कि गाड़ियों से निकलने वैले धुएं पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जा रही है. गाजियाबाद में प्रदूषण की वजह से हवा में PM2.5 की मात्रा आज 469 रही, जो सामान्य स्तर से काफी ज्यादा है. वहीं, AQI का स्तर 767 पर पहुंच गया. इस कारण धुंध दिख रही है और कई स्थानों पर विजिबिलिटी की समस्या भी सामने आ रही है. विशेषज्ञों के अनुसार प्रदूषण बढ़ने से हवा में जहरीली गैसों की मात्रा भी बढ़ गई है. इससे बाहर निकलने पर सांस लेने में तकलीफ हो सकती है.
दिल्ली में यमुना नदी पर दिखा जहरीला झाग
आपको बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले करीब एक महीने से वायु प्रदूषण के कारण हवा की गुणवत्ता लगातार गिरती जा रही है. प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के विशेषज्ञों के मुताबिक बीते मंगलवार को दिल्ली में वायुमंडल में प्रदूषकों के बढ़ने की वजह से AQI बेहद गंभीर श्रेणी में पहुंच गया था. मंगलवार सुबह आनंद विहार समेत कई इलाकों में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई थी. इसके अलावा बुधवार को दिल्ली में यमुना नदी में प्रदूषण के कारण जहरीले झाग भी देखे जाने से प्रदूषण को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं.
2200 करोड़ रुपये की राशि मंजूर
देश में पर्यावरण प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है. दिल्ली-एनसीआर सहित अन्य राज्यों के कई शहरों में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गई है. जबकि कई जगहों पर हालात गंभीर हैं. जिससे इन शहरों में सांस लेना भी मुश्किल होता जा रहा है. हवा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए केंद्र सरकार सहित राज्य सरकारें तमाम हथकंडे अपना रही हैं साथ ही फंड भी जारी कर रही हैं. इसी सोमवार को ही केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने पांचवें वित्त आयोग की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए हवा की गुणवत्ता सुधारने के लिए राज्यों के लिए 2200 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है. इस राशि से फंड पाने वालों में 15 राज्यों के 42 शहरों को शामिल किया गया है. इसे शहरों की स्थानीय निकाय वायु प्रदूषण घटाने के कामों में खर्च कर सकेंगी.