दिग्विजय सिंह का सवाल-जिस रिसॉर्ट में BJP षड्यंत्र रचती है सचिन पायलट वहां क्यों रुके!

दिल्ली. मध्य प्रदेश (madhya pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (digvijay singh) ने राजस्थान में जारी सियासी खींचतान के बीच फिर कहा है कि सचिन पायलट को सहनशीलता की जरूरत है. सचिन को दिक्कत थी तो अपनी बात पार्टी प्लेटफार्म में रखते. मानेसर के जिस रिसॉर्ट में भाजपा षड्यंत्र रचती है वहां क्यों रुके.वो किसके मेहमान हैं. दिग्विजय सिंह ने कहा-महत्वाकांक्षी होना ठीक है, लेकिन जिस संगठन में वो हैं, उसकी मर्यादा और पंरपरा का भी ख्याल रखा जाना चाहिए.

नाराज़ सचिन मानेसर में क्यों रुके हैं
दिग्विजय सिंह ने कहा कि सचिन पायलट नाराज थे तो क्यो मानेसर में रुके हैं. विधायकों के साथ आते राज्य के प्रभारी महासचिव अविनाश पांडेय के साथ चर्चा करते. सोनिया गांधी सबसे नहीं मिल रहीं हैं. राहुल गांधी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से चर्चा हो सकती थी. अपने विधायकों के साथ राजस्थान छोड़कर हरियाणा के रिसॉर्ट में रुक रहे हैं और वो किसके मेहमान हैं.यह तरीका सही नहीं है.

भाजपा होटल में रचती है षड्यंत्र

भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा मानेसर के होटल में ही भाजपा षड्यंत्र रचती है. NCP विधायकों, कर्नाटक के लोगों को और मध्य प्रदेश के विधायकों को भी यहीं पर ठहराया गया था. अब राजस्थान के विधायक भी इसी होटल में हैं. साफ है भाजपा का कहीं न कहीं इनसे संपर्क है.यहाँ पर रुकने वाले विधायकों के फोन जमा करा लिए जाते हैं. भाजपा के लोगों के फोन से विधायकों की बात कराई जाती है. दिग्विजय सिंह ने सचिन पायलट पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि ऐसे में क्यों सचिन पायलट और उनके विधायक उस रिसॉर्ट में हैं. ऐसा क्या खतरा है कि यह लोग अपने घरों में नहीं हैं.

पार्टी ने बहुत कुछ दिया है
दिग्विजय सिंह ने कहा कांग्रेस ने मेहनत करने वालों को सब कुछ दिया है. यहां तक कि उस परिवार की नई पीढ़ी को भी वही सम्मान दिया है.अशोक गहलोत का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा अपनी मेहनत और बुद्धि से उन्होंने मुकाम हासिल किया है.

बहुमत अशोक गहलोत के साथ
दिग्विजय सिंह ने कहा यह भी साफ है विधायक दल में अशोक गहलोत के पास एकतरफा बहुमत है. इसमें कितने सचिन पायलट के साथ हैं, सचिन पायलट को धीरज रखना चाहिए.उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा वो योग्य और कर्मठ हैं, मगर सहनशीलता भी उनमें होनी चाहिए. अशोक गहलोत की भी जवाबदेही बनती है. मुख्यमंत्री सबके होते हैं, कहीं कुछ बात है तो बैठकर निपटाना चाहिए.

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