नई दिल्ली : कहीं 15 हजार की स्कूटी का 23 हजार रूपये का चालान होने पर स्कूटी ही छोड़ दी, तो कहीं ऑटो का 27 हजार रुपये का चालान कटने पर ऑटो ही थाने में जमा करा दिया. मंगलवार से सोशल मीडिया पर इस तरह की खबरें खूब प्रचारित हो रही हैं. फनी कॉटूर्न बनाकर लोग तरह-तरह के कमेंट भी कर रहे हैं. लेकिन ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी बताते हैं कि ऐसा भी नहीं है कि चालान की रकम को देखकर वाहन छोड़ने पर आप बच जाएंगे. उल्टा वाहन जब्त होने पर तय समय सीमा के बाद और भी ज्यादा रकम वाहन चालकों से वसूली जाएगी.
अगर आपके वाहन की कीमत 12 हजार रुपये हैं और ट्रैफिक नियम तोडने पर आपका 20 हजार का चालान हो जाता है. ऐसे में वाहन की कीमत को देखते हुए आप आपना वाहन ट्रैफिक पुलिस के ऊपर ही छोड़कर घर आ जाते हैं तो इसका मतलब यह नहीं की आप चालान की रकम चुकाने से बच गए. ट्रैफिक इंस्पेक्टर सेवानिवृत आरपी सिंह ने इस बारे में बताया, “अगर किसी केस में ऐसा होता है तो ट्रैफिक पुलिस को अधिकार है कि वह ऐसे मामले को कोर्ट भेजे. कोर्ट जब्त हुए वाहन को नीलाम करने की अनुमति देगी. नीलाम की रकम सरकारी खाते में जाएगी. वहीं नियम तोड़ने पर वाहन चालक को कोर्ट में बुलाया जाएगा. जो नियम वाहन चालाक ने तोड़ा है उसके अनुसार उसे सजा दी जाएगी.”
नोएडा निवासी एडवोकेट मनोहर लाल बताते हैं, “हर एक प्रदेश के हिसाब से चालान की रकम जमा कराने और सीज (जब्त) हुए वाहन को छुड़ाने के अपने-अपने नियम हैं. जैसे यूपी में अगर आपका चालान होता है तो चालान की तारीख से 7 दिन के अंदर आप सीओ ट्रैफिक के ऑफिस में जाकर चालान जमा कर सकते हो. नहीं तो 7 दिन बाद आपका चालान कोर्ट में भेज दिया जाएगा. कोर्ट में आपको एक महीने के अंदर चालान की रकम जमा करानी होगी. इसके साथ ही कोर्ट समय से चालान जमा न करने और पुलिस को सहयोग न करने पर अतिरिक्त जुर्माना भी लगा सकता है. और यह कोर्ट पर निर्भर करता है कि वो आप पर कितना जुर्माना लगाता है. ”