जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने को लेकर राज्यसभा में बहस के दौरान कांग्रेस लीडर कपिल सिब्बल ने सरदार पटेल को विवादित टिप्पणी कर दी। इस पर हंगामा हो गया और बीजेपी ने उनके बयान के सदन की कार्यवाही से बाहर निकालने की मांग की। यही नहीं खुद सभापति वेंकैया नायडू ने भी कपिल सिब्बल को सलाह दी कि उन्हें नेहरू और पटेल को लेकर इस तरह की बात नहीं कहनी चाहिए। इस बीच होम मिनिस्टर अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर को लेकर राष्ट्रपति के आदेश को लोकसभा में भी पेश कर दिया है।
सिब्बल ने कहा था, ‘हम समझते हैं कि नेहरू की वजह से कश्मीर हमारे पक्ष में आया। अगर रेडक्लिफ अवॉर्ड न होता और गुरदासपुर हमारे पास न होता तो और मैजॉरिटी का सिद्धांत माना जाता तो शायद यह राज्य हमारे पक्ष में न आता। उस वक्त सरदार पटेल होम मिनिस्टर थे और वही यहां 370 लेकर आए।’
इससे भी आगे बढ़ते हुए सिब्बल ने यहां तक कह दिया कि सरदार पटेल पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर देने के लिए राजी हो गए थे। उन्होंने कहा कि कश्मीर के शासक भारत में शामिल होना चाह रहे थे तो इसकी वजह नेहरू ही थे। हम कहना चाहते हैं कि हमने कश्मीर जीता था और आप कश्मीर हार गए। इस पर बीजेपी की ओर से तीखा विरोध हुआ और भूपेंद्र यादव ने सरदार पटेल पर सिब्बल की टिप्पणी को कार्यवाही से बाहर निकालने की बात कही। यही नहीं उन्होंने कहा कि कांग्रेस को जम्मू-कश्मीर के मसले पर सरदार पटेल को लेकर अपना स्टैंड क्लियर करना चाहिए।
कपिल सिब्बल ने कहा कि इतिहास ही बताएगा कि क्या 370 इतिहास पर धब्बा था या फिर आपने हमारे संविधान की आत्मा को खत्म करने की कोशिश की। उन्होंने 370 हटाने और राज्य को दो भागों में विभाजित करने के फैसले को लेकर जल्दबाजी का सवाल भी उठाया।