मेट्रो में महिलाओं की मुफ्त यात्रा पर ई श्रीधरन ने लिया दिल्ली सरकार को आड़े हाथ, कहा यह सिर्फ चुनावी शगूफा है…

दिल्ली सरकार की ओर से मेट्रो में महिलाओं की मुफ्त यात्रा की बात पर अब दिल्ली मेट्रो के पूर्व प्रमुख ई श्रीधरन ने अपनी तल्‍ख प्रतिक्रिया डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को दर्ज करवाई है. श्रीधरन ने मनीष सिसोदिया को एक पत्र लिख कर इस बात को सिर्फ एक चुनावी शगूफा करार दिया है. श्रीधरन ने लिखा कि मैं महिलाओं की मुफ्त यात्रा के विरोध में नहीं हूं लेकिन मैं मेट्रो में मुफ्त यात्रा की बात पर अपना विरोध दर्ज करवा रहा हूं.

इतनी चिंता है तो उन्हें यात्रा खर्च दें

श्रीधरन ने सिसोदिया को कहा कि यदि दिल्ली सरकार को महिलाओं की इतनी ही चिंता है तो वे उनका यात्रा खर्च उन्हें दें न कि मेट्रो में मुफ्त यात्रा की बात कहें. उन्होंने आगे लिखा कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को सरकार की तरफ से मिलने वाला कोई भी कंपंसेशन कर दे रहे लोगों का ही पैसा है और लोगों को सरकार से यह पूछने का हक है कि क्यों सिर्फ महिलाओं को ही मुफ्त में यात्रा करवाने की बात की जा रही है. गुस्साए श्रीधरन ने सरकार को सलाह दी कि मुफ्त यात्रा या कम दाम में यात्रा करवाने की जगह इस पैसे से यदि डीएमआरसी मेट्रो नेटवर्क को और फैलाने में मदद की जाए तो वह लोगों के लिए ज्यादा फायदेमंद होगी.

श्रीधरन ने लिखा कि यदि दिल्ली सरकार के पास इतना ही पैसा है तो क्यों नहीं डीएमआरसी की मदद और ट्रेनें खरीदनें व लाइनें डालने में की जा रही है. जबकि हाल ही में यह पता चला है कि सरकार ने मेट्रो के चौथे फेज को बढ़ाने की योजना की मंजूरी को दो साल के लिए टाल दिया गया है. साथ ही लिंक बस सेवा के संबंध में कोई फैसला नहीं लिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यदि महिलाओं को मुफ्त यात्रा दी जाएगी तो फिर छात्रों, वृद्धों और दिव्यांगो को क्यों नहीं ऐसी सुविधा देने की बात की गई है.

आतिशी ने दिया जवाब
श्रीधरन की इस चिट्ठी के जवाब में आप नेता आतिशी ने जवाब दिया. उन्होंने श्रीधरन को एक चिट्ठी लिख कर कहा कि यह चौंकाने वाली बात है कि इतने बड़े पॉलिसीमेकर और तकनीकी विशेषज्ञ ने राजनीतिक पत्र लिखा है. यह काफी दुखद है कि अब बीजेपी अपने स्वार्थ के लिए श्रीधरन का इस्तेमाल कर रही है. ऐसा क्यों कि श्रीधरन अब आवाज उठा रहे हैं. उन्होंने उस समय क्यों नहीं कुछ कहा जब केंद्र सरकार ने वृद्धों और छात्रों को मेट्रो किराए में छूट देने की बात कही थी, साथ ही डीएमआरसी को इसके एवज में कोई भरपाई करने की कोई योजना नहीं थी. साथ ही एयरपोर्ट लाइन में हो रही गड़बड़ी के बावजूद भी आपने आवाज नहीं उठाई.

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