जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले दिल्ली में तैयारियां जोरों पर है. एमसीडी पूरी दिल्ली को चमकाने में लगा है. इस बीच पता चला कि आवारा कुत्तों को भी दिल्ली की सड़कों से हटाया जाएगा. एमसीडी ने इस संबंध में एक सर्कुलर भी जारी किया. कुत्तों को हटाने का अभियान गुरुवार से शुरू हो गया है और 30 अगस्त तक चलेगा. पीपल फॉर एनिमल्स नाम की एक संस्था ने एमसीडी के इस अभियान को अवैध बताया है.
दिल्ली नगर निगम की आवारा कुत्तों को हटाने की योजना को पीएएफ ने अव्यवहारिक और अनुचित करार दिया. बुधवार को एमसीडी की तरफ से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि आवारा कुत्तों को हटाने के लिए 30 अगस्त तक अभियान चलेगा. एमसीडी ने जी20 शिखर सम्मेलन को ध्यान में रखते हुए कहा कि इन आवारा कुत्तों को तबतक एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर में रखा जाएगा.
कुत्तों को पकड़ना, कैद करना क्रूरता
एमसीडी ने बताया कि जी20 सम्मेलन की समाप्ती के बाद उन कुत्तों को वहीं छोड़ा जाएगा, जहां से उन्हें उठाया जाएगा. कहा गया है कि उठाए गए सभी आवारा कुत्तों को कार्यक्रम समाप्त होने तक उनकी आगे की देखभाल और भोजन की व्यवस्था एबीसी करेगी. पीएफए ट्रस्टी अंबिका शुक्ला ने एमसीडी के अभियान को मनमाना करार दिया. उन्होंने कहा कि कुत्तों को पकड़ना और उन्हें कैद करना क्रूर और अनावश्यक दोनों है. उन्होंने कहा कि इस अभियान से पहले कोई योजना पेश नहीं की गई और ना ही कोई विचार किया गया.
कुत्तों की देखभाल के लिए एबीसी के पास सुविधा नहीं
अंबिका शुक्ला ने कहा कि कोई नोटिस नहीं, कोई परामर्श नहीं, नेट की कोई खरीद नहीं, कोई स्टाफ प्रशिक्षण नहीं, कुछ भी नहीं किया गया. सभी एबीसी इकाइयां इस कदम का विरोध कर रही हैं क्योंकि यह अवैध, अव्यवहारिक और अनुचित है. बयान में कहा गया है कि एबीसी के पास ऐसी कोई सुविधा नहीं है कि वे इतनी बड़ी संख्या में आवारा कुत्तों की देखभाल कर सके. कुत्तों को लंबे समय तक कैद में रहने से संक्रमण के फैलने का भी खतरा है. जी20 शिखर सम्मेलन 9-10 सितंबर को शेड्यूल है. इस दौरान दुनिया के ताकतवर नेता दिल्ली पहुंचेंगे. इसके लिए सभी तैयारियां की जा रही है.