श्रीनगर आर्टिकल 370 पर भारत सरकार के बड़े फैसले के बाद जम्मू कश्मीर में हालात को लेकर पाकिस्तान की तरफ से लगातार अफवाह फैलाई जा रही है। हालांकि सच्चाई यह है कि सोमवार को पूरे जम्मू-कश्मीर में बकरीद का त्योहार शांतिपूर्ण तरीके से मनाया गया। दरअसल, कुछ मीडिया रिपोर्टों में बताया गया था कि सुरक्षा एजेंसियों द्वारा गोलीबारी और मौत की खबरें हैं जबकि जम्मू-कश्मीर के प्रधान सचिव (योजना आयोग) रोहित कंसल ने सोमवार शाम में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि जम्मू-कश्मीर में बकरीद पर पूरी तरह शांति रही। प्रधान सचिव ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में गोलीबारी की कोई घटना नहीं हुई है। सुरक्षाबलों की ओर से एक भी गोली नहीं चलाई गई है और न ही किसी की मौत हुई है।
बकरीद पर किसी भी तरह से माहौल न बिगड़े, इसके लिए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद रहा। जम्मू-कश्मीर के प्रधान सचिव ने बताया कि राज्य के 20 हजार छात्रों ने भी ईद मनाई है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें। उन्होंने कहा, ‘राज्य में सभी जगहों पर स्वास्थ्य सुविधाएं ठीक से काम कर रही हैं।’ बकरीद पर किसी भी तरह से माहौल न बिगड़े, इसके लिए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद रहा। जम्मू-कश्मीर के प्रधान सचिव ने बताया कि राज्य के 20 हजार छात्रों ने भी ईद मनाई है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें। उन्होंने कहा, ‘राज्य में सभी जगहों पर स्वास्थ्य सुविधाएं ठीक से काम कर रही हैं।’
प्रधान सचिव ने कहा, ‘जिला और संभागीय प्रशासन ने मौलवियों से और आम लोगों से मुलाकात की, जिसके फलस्वरूप आज ईद के दौरान बहुत ही शांतिपूर्ण और सुकून भरा माहौल देखने को मिला।’ आईजीपी कश्मीर एसपी पाणि ने कहा कि सभी जगहों पर राहत की स्थिति है। उन्होंने कहा कि राज्य में गोलीबारी की खबरें पूरी तरह से बेबुनियाद हैं। कश्मीर के आईजीपी एसपी पाणि ने कहा, ‘स्थानीय स्तर पर कुछ घटनाएं हुईं, जिनसे बहुत ही संजीदा ढंग से निपटा गया। इन घटनाओं में कुछ लोग जख्मी हुए, अन्यथा पूरी घाटी में स्थिति सामान्य है।’
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल लगातार कश्मीर के अलग-अलग हिस्से में जाकर लोगों से मिल रहे हैं। डोभाल सोमवार को बकरीद के मौके पर अचानक लाल चौक, पुलवामा और बेलगाम जैसे इलाकों में पहुंचे और लोगों से मुलाकात की। राज्य में नमाज के दौरान पाबंदियों में ढील भी दी गई थी। प्रशासन ने किसी भी अनहोनी से बचने के लिए अलग-अलग इलाकों की स्थानीय मस्जिदों में ईद की नमाज के लिए इजाजत तो दे दी है लेकिन घाटी की बड़ी मस्जिदों में ज्यादा संख्या में लोगों के एकत्र होने की इजाजत नहीं दी थी।