महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बीच अजित पवार गुट की NCP और शरद पवार गुट की NCP में चुनाव चिन्ह को लेकर जंग छिड़ी है. शरद पवार की पार्टी अजीत पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी द्वारा चुनाव चिन्ह घड़ी के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई है. उसने अजित गुट पर कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. शरद पवार गुट शिकायत लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और आज (गुरुवार) उसकी याचिका पर सुनवाई होनी है. शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट के वकील ने कहा, उनके अंतरिम आवेदन में मांग की गई है कि अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में घड़ी चिन्ह का उपयोग नहीं करने का निर्देश दिया जाए. मंगलवार (22 अक्टूबर) को जब इसपर सुनवाई हुई तब अदालत ने कहा कि उसने दोनों पक्षों की सहमति से पिछला आदेश पारित किया था.
अजित गुट पर ये आरोप
शरद गुट के वकील ने तब दावा किया कि अजित पवार गुट द्वारा आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि आवेदन सितंबर में दायर किया गया था. अजीत पवार गुट को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया था और मामला 1 अक्टूबर को सूचीबद्ध किया जाना था. वकील ने कहा कि मामले में तात्कालिकता है, क्योंकि विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 29 अक्टूबर है. इस पर अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट के वकील ने तर्क दिया कि उनके कुछ उम्मीदवारों ने पहले ही चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल कर दिया था और दूसरे पक्ष ने घड़ी चिन्ह को जब्त करने के लिए आवेदन दायर किया था. दोनों पक्षों की दलीलों पर गौर करते हुए पीठ ने कहा कि वह इस मामले पर 24 अक्टूबर को सुनवाई करेगी.
ये है पूरी लड़ाई
पार्टी टूटने के बाद शरद पवार गुट चुनाव आयोग के सामने लड़ाई हार गया, जिसने अजित पवार को मुख्य एनसीपी के नेता के रूप में मान्यता दी, जबकि विभाजित समूह को एनसीपी (शरतचंद्र पवार) बताया गया. फरवरी 2024 में चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका शरद पवार ने दायर की थी, जिन्होंने कहा था कि फैसला गलत था. इसके अलावा दिग्गज नेता ने अजित पवार को एनसीपी के चुनाव चिन्ह ‘घड़ी’ का इस्तेमाल करने की इजाजत देने वाले फैसले को चुनौती दी. शीर्ष अदालत के समक्ष दायर कई आवेदनों में यह तर्क दिया गया है कि घड़ी का इस्तेमाल वोटर्स को भ्रमित करता है. मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि एनसीपी शरतचंद्र पवार, ‘तुरही बजाता आदमी’ चिन्ह का इस्तेमाल करेगी. ये किसी अन्य राजनीतिक दल या किसी स्वतंत्र उम्मीदवार को आवंटित नहीं किया जाएगा.
इसके अलावा अदालत ने अजित पवार की पार्टी को मराठी, हिंदी और अंग्रेजी संस्करणों वाले अखबारों में एक सार्वजनिक नोटिस जारी करने का निर्देश दिया, जिसमें ये बताने को कहा गया कि घड़ी चुनाव चिन्ह का आवंटन न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है. घोषणा को एनसीपी (अजित पवार) की ओर से जारी किए जाने वाले विज्ञापन, ऑडियो या वीडियो क्लिप में शामिल करने का भी निर्देश दिया गया था. हालांकि, लोकसभा चुनाव के बाद शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट ने अदालत के समक्ष तर्क दिया कि घड़ी चुनाव चिन्ह का उपयोग करने की अनुमति वापस ली जानी चाहिए. 22 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान शरद पवार गुट की ओर से पेश वकील ने तर्क दिया कि वे हाल के लोकसभा चुनावों में कन्फ्यूजन के कारण हार गए थे. चुनाव चिन्ह पर भ्रम की स्थिति के कारण हमारे कई वोट अजित गुट को चले गए थे.