लखनऊ : उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को जोर का झटका लगा है। राज्य सरकार ने बिजली की दरों में बढ़ोतरी कर दिया है। योगी सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 8% से 12% तक दाम बढ़ाए हैं, जबकि उद्योगों के लिए बिजली के दाम में 5 से 10 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की है। राज्य मे बिजली दरों में बढ़ोतरी पर बीएसपी चीफ मायावती ने सरकार पर निशाना भी साधा है और इसे जनविरोधी फैसला बताया।
इसके अलावा यूपी सरकार ने खेती करने वाले उपभोक्ताओं के लिए 9 प्रतिशत शहरी अनुसूची और 15 प्रतिशत ग्रामीण अनुसूची में बढ़ोतरी की है। सरकार ने ग्रामीण इलाकों में फिक्स चार्ज 400 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपए कर दिया है। राज्य में लोगों के विरोध के बाद भी बिजली की दरों में 10 से 15 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है।
पूर्व सीएम मायावती का योगी सरकार पर हमला
वहीं यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी प्रमुख ने योगी सरकार पर इस मामले में हमला बोला है। मायावती ने ट्वीट कर कहा, ‘बीजेपी सरकार द्वारा बिजली की दरों को बढ़ाने को मंजूरी देना पूरी तरह से जनविरोधी फैसला है। इससे प्रदेश की करोड़ों खासकर मेहनतकश जनता पर महंगाई का और ज्यादा बोझ बढे़गा। इससे उनका जीवन और भी अधिक त्रस्त होगा।’ मायावती ने प्रदेश सरकार से इस पर पुनर्विचार करने की मांग की है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार काफी समय से बिजली के दाम बढ़ाने पर विचार कर रही थी। कुछ समय पहले ही यूपीपीसीएल (पॉवर यूटिलिटी उत्तर प्रदेश पॉवर कॉपरेशन लिमिटेड) ने बिजली के दामों में करीब 25 प्रतिशत तक बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव दिया था। उसके बाद से ही बिजली दरें बढ़ाई जाने की खबरें थीं। कुछ हफ्तों पहले ही राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने बिजली के दाम बढ़ाने के सवाल पर कहा था कि बिजली के दाम बढ़ने नहीं दिए जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
प्रदेश में करीब दो साल बाद बिजली के दामों में बढ़ोतरी की गई है। इससे पहले साल 2017 में बिजली के दाम बढ़ाए गए थे। सरकार ने उस दौरान 12.73 प्रतिशत दाम बढ़ाए थे। इसके बाद आम चुनाव के नतीजे आने के बाद यूपी पावर कॉर्पोरेश ने सभी कैटिगरी के करीब 3 करोड़ कंज्यूमर्स के लिए बिजली की मौजूदा दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था। इसके तहत बिजली की दरें 6.20 से 7.50 रुपये प्रति यूनिट तक प्रस्तावित थीं। कमर्शल बिजली की दरें भी 8.85 रुपये प्रति यूनिट तक करने के साथ ही फिक्स्ड चार्ज को बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया था।