केजरीवाल लहर में भी तीन की जमानत जब्त, भाजपा के 10 और कांग्रेस के 188 प्रत्याशियों की डूबी लुटिया

आम आदमी पार्टी तीन उम्मीदवार केजरीवाल की लहर में भी जमानत नहीं बचा पाए, जबकि भाजपा के 10 व कांग्रेस के 188 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। एमसीडी चुनाव लड़ने वाले 1349 उम्मीदवारों में से 784 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई है। आप की आंधी में राजधानी के मतदाताओं ने छोटे दल बसपा, राकांपा, रालोद सहित 12 दलों को पूरी तरह नकार दिया। इन दलों का चुनाव में खाता भी नहीं खुला और अधिकतर उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई।

इसी तरह अधिकांश निर्दलीय उम्मीदवार भी जमानत नहीं बचा सके। बसपा के 132 में से 128 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई, जबकि 370 निर्दलीय भी जमानत नहीं बचा सके। तीन चुनाव जीतने वाले निर्दलीय उम्मीदवारों समेत 14 की जमानत बच गई। अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुलमुस्लिमीन के दो उम्मीदवारों की जमानत बच पाई। अन्य किसी भी दल के उम्मीदवारों की जमानत नहीं बच सकी।
तीन बार सीएम बने केजरीवाल तब मिली एमसीडी की सत्ता
आम आदमी पार्टी ने बहुमत हासिल कर 15 साल से एमसीडी में काबिज भाजपा को बाहर कर दिया है। अरविंद केजरीवाल दिल्ली के तीन बार मुख्यमंत्री बने, तब जाकर उन्हें निगम की सत्ता मिली। पहली बार आप ने किसी भी चुनाव में भाजपा को सत्ता से हटाया है। अस्तित्व में आने के बाद से आप ने दिल्ली में सात चुनाव लड़े हैं। इनमें से 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को शिकस्त दी थी। 2014, 2015, 2020 विधानसभा चुनाव में भी भाजपा की सत्ता से टक्कर नहीं थी। वर्ष 2017 एमसीडी चुनाव में आप हार गई थी। अब 2022 एमसीडी की जीत हासिल की है।
क्या कहते हैं आंकड़े

  • 2022 के एमसीडी चुनाव में आप और बीजेपी के बीच वोट शेयर का अंतर केवल 3 प्रतिशत रहा है। 2017 के एमसीडी चुनावों की तुलना में आप ने लगभग 16 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया है, जबकि बीजेपी ने अपना कोर वोट बनाए रखा है। भाजपा ने वोट बैंक को लगभग तीन प्रतिशत बढ़ाया है।
  • आप का वोट शेयर 42.05 फीसदी रहा, जबकि भाजपा का 39.09 फीसदी और कांग्रेस का 11.68 फीसदी रहा।
  • एमसीडी पर बीजेपी की बादशाहत 1997 से कायम थी। 2022 के चुनाव को छोड़ दें तो 25 सालों में एमसीडी के लिए हुए पांच में से 4 चुनावों में भाजपा का जीत मिली है। सिर्फ 2002 में बीजेपी को कांग्रेस से मात खानी पड़ी थी।
    -एमसीडी इलेक्शन में भ्रष्टाचार के मुद्दे का असर दिखा। आप ने इसे बीजेपी के खिलाफ एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया। सत्येंद्र जैन के वीडियो और सिसोदिया के खिलाफ शराब घोटाले के आरोप का असर भी चुनाव में दिखा। सत्येंद्र जैन की निर्वाचन क्षेत्र शकूर बस्ती (सरस्वती विहार, पश्चिम विहार और रानी बाग) के सभी तीन वार्ड में बीजेपी की जीत हुई।

-मनीष सिसोदिया की पटपड़गंज सीट पर बीजेपी ने चार सीट में से तीन सीटें जीती हैं। ये सीटें विनोद नगर, मंडावली और मयूर विहार फेज-2 हैं। केवल पटपड़गंज वार्ड में आप की जीत हुई है।

-इस चुनाव में कांग्रेस के वोटों में और गिरावट दर्ज हुई है। कांग्रेस ने 2017 के एमसीडी चुनावों से करीब 10 फीसदी वोट शेयर घटाया है। उसे सिर्फ नौ वार्डों में जीत मिली है।

-गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनाव के नतीजों से एक दिन पहले आप की ये जीत राष्ट्रीय राजनीति के लिए भी कई संदेश लेकर आई है। इस जीत ने पार्टी में मनीष सिसोदिया के कद को और मजबूत किया है।

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