दिल्ली: राजस्थान में डिप्टी मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बगावती तेवर के बाद अशोक गहलोत की सरकार पर बड़ा खतरा मंडराने लगा है। राज्य में कांग्रेस के सियासी समीकरण किस कदर बिगड़े हैं इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि आधी रात के बाद करीब ढ़ाई बजे दिल्ली से जयुपर पहुंचे कांग्रेस के संकटमोचक नेताओं को मीडिया के सामने आना पड़ा।
कई दौर की मीटिंग्स के बाद कांग्रेस ने दावा किया कि गहलोत सरकार को 109 विधायकों का समर्थन है। इसके साथ ही कांग्रेस ने पार्टी से बगावत करने की सोच रहे विधायकों को धमकी भी दी है कि आज विधायक दल की बैठक में जो भी शामिल नहीं होगा उसके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा।
वहीं राजस्थान में कांग्रेस सरकार के ऊपर छाए संकट के बादलों पर भारतीय जनता पार्टी इंतजार करो और देखो की मुद्रा में है। मीडिया में चली खबर के तहत अगली कार्रवाई की योजना पर निर्णय लेने से पहले बीजेपी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच शक्ति प्रदर्शन के परिणाम का इंतजार करेगी। गहलोत ने आज कांग्रेस विधायकों की बैठक बुलाई है जिसमें इस बात के स्पष्ट संकेत मिलने की उम्मीद है कि गहलोत और पायलट को कितने विधायकों का समर्थन प्राप्त है।
माना जा रहा है कि राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष पायलट बीजेपी के कुछ नेताओं के संपर्क में हैं लेकिन खबरों के मुताबिक बीजेपी ने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार किया है कि उसकी पायलट से कोई बात हुई है या नहीं। पायलट अभी दिल्ली में हैं और उन्होंने खुले तौर पर पार्टी के खिलाफ असंतोष प्रकट किया है।
पायलट का दावा है कि उन्हें कांग्रेस के 30 विधायकों और कुछ अन्य निर्दलीय सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। बीजेपी के एक नेता ने कहा कि ऐसा लगता है कि पायलट ने अपना मन बना लिया है और वह गहलोत के नेतृत्व के साथ जाने को तैयार नहीं हैं।