दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ईमानदारी से टैक्स देने वालों को पुरस्कृत करने के लिए बृहस्पतिवार को डायरेक्ट टैक्स रिफॉर्म्स (Direct Tax Reforms) के अगले चरण की शुरूआत करेंगे. पीएम मोदी आज सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये ‘पारदर्शी कराधान – ईमानदार का सम्मान’ (Transparent Taxation-Honoring the Honest) मंच की शुरूआत करेंगे. हालांकि, सरकार की ओर से टैक्स सुधारों के बारे में कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन मंच की शुरुआत के साथ पिछले छह साल में प्रत्यक्ष कर के मोर्चे पर किए गए सुधारों को आगे ले जाने की उम्मीद है.
टैक्स रिफॉर्म्स के लिए केंद्र सरकार ने लिए ये फैसले
टैक्स रिफॉर्म्स में पिछले साल कॉरपोरेट टैक्स (Corporate Tax) की दर 30 फीसदी से घटाकर 22 फीसदी कर दी गई थी. इसके अलावा नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर 15 फीसदी की गई थी. साथ ही डिबिडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (DDT) हटाना और अधिकारी व करदाता का आमना-सामना हुए बिना कर आकलन (Faceless E-Assessment) शामिल हैं. टैक्स रिफॉर्म्स के तहत दरों (tax Rates) में कमी करने और प्रत्यक्ष कर कानूनों को आसान बनाने पर जोर रहा है. आयकर विभाग के काम में दक्षता और पारदर्शिता लाने के लिए भी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) की ओर से कई पहल की गई हैं.
वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में करदाताओं (taxpayers) के लिये चार्टर का ऐलान किया गया. इसके तहत उन्हें वैधानिक (Statutory) दर्जा दिए जाने और आयकर विभाग (IT Department) की ओर से समयबद्ध सेवा के जरिये नागरिकों को अधिकार संपन्न बनाने की उम्मीद है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने बजट भाषण में कहा था कि चार्टर से करदाता और प्रशासन के बीच भरोसा बढ़ेगा. साथ ही इससे विभाग की दक्षता बढ़ेगी. हाल में शुरू की गई दस्तावेज पहचान संख्या (DIN) के जरिये आधिकारिक संचार में पारदर्शिता लाना भी कर सुधारों में शामिल है.
पहले ही भरे हुए आईटीआर फॉर्म किए गए पेश
करदाताओं के लिए अनुपालन (Compliance) को ज्यादा आसान करने के लिए आयकर विभाग अब पहले से ही भरे हुए आयकर रिटर्न फॉर्म (ITR Forms) पेश करने लगा है, ताकि व्यक्तिगत करदाताओं (Individual Taxpayer) के लिए अनुपालन आसान बनाया जा सके. स्टार्टअप्स (Startups) के लिए भी अनुपालन मानदंडों को सरल बना दिया गया है. लंबित कर विवादों का समाधान करने के लिए आयकर विभाग ने प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास अधिनियम भी पेश किया है. इसके तहत वर्तमान में विवादों को निपटाने के लिए घोषणाएं दाखिल की जा रही हैं.