GST की दरों में आ सकती है भारी कमी, 12-18% के बीच आ सकता है नया टैक्स स्लैब

GST की वजह से आलोचनाओं का सामना कर रही मोदी सरकार 12 और 18 फीसदी की जगह एक नया स्टैंडर्ड स्लैब ला सकती है. सोमवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक फेसबुक/ट्विटर पोस्ट के जरिए अपनी बात कही. ‘GST के 18 महीने’, शीर्षक वाले इस पोस्ट में उन्होंने कहा कि भविष्य में 12 फीसदी और 18 फीसदी टैक्स स्लैब को मर्ज करने के रोडमैप पर काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कर राजस्व में अच्छी बढ़ोतरी होने पर देश में GST की तीन दरें रह जाएंगी. उन्होंने कहा कि इसमें 0 प्रतिशत और 5 प्रतिशत की दर के साथ सामान्य जरुरत की वस्तुओं पर एक मानक दर होगी जो 12 से 18 प्रतिशत के बीच होगी.

वित्त मंत्री ने फेसबुक/ट्विटर पर ‘GST के 18 महीने’ शीर्षक से लिखे एक लेख में कहा है कि इस समय उपयोग की कुल 1,216 वस्तुओं में से 183 पर 0 प्रतिशत, 308 पर 5 प्रतिशत , 178 उत्पादों पर 12 प्रतिशत और 517 पर 18 की दर से जीएसटी लगता है. उन्होंने कहा, ‘28 प्रतिशत का कर स्लैब अब खत्म हो रहा है.’ वर्तमान में इसमें सिर्फ लग्जरी एवं अहितकारी उत्पादों के अलावा वाहनों के कलपुर्जे, एसी और सीमेंट समेत केवल 28 वस्तुएं ही बची हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में, ‘GST के रूप में परिवर्तन पूरा होने के साथ अब हम इसकी दरों को तर्कसंगत बनाने के पहले चरण को पूरा करने के करीब हैं. उदाहरण के लिये विलासिता और अहितकारी वस्तुओं को छोड़कर बाकी वस्तुएं को चरणबद्ध तरीके से 28 फीसदी के उच्चतम कर के दायरे से बाहर की जा रही है. ” उन्होंने कहा कि इस समय 12 फीसदी और 18 फीसदी की दो मानक दरें है. जो भविष्य में एक की जा सकती हैं.

जेटली ने कहा कि जीएसटी लागू होने से पहले अधिकतर वस्तुओं पर 31 प्रतिशत का कर लगता था. लोगों के पास केवल दो ही विकल्प थे- या तो ज्यादा कर का भुगतान करें या फिर कर चोरी. उन्होंने कहा कि उस समय काफी हद तक कर चोरी का बोलबाला था. उन्होंने जीएसटी के मामले में सरकार के आलोचकों पर तंज कसते हुए किहा, ‘‘जिन लोगों ने भारत को 31 प्रतिशत अप्रत्यक्ष कर के बोझ के नीचे दबा रखा था और जो जीएसटी का उपहास करते रहे हैं उन्हें अपने अंदर झांकना चाहिए.’’ उन्होंने यह भी लिखा है कि , ‘‘गैर जिम्मेदाराना राजनीति और गैर जिम्मेदाराना अर्थनीति दोनों केवल रसातल में ही ले जाती हैं.’

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