वलसाड: गुजरात में वलसाड जिले के वापी में एक कोविड-19 अस्पताल के प्रबंधन ने कोरोना वायरस की एक संदिग्ध मरीज का शव अस्पताल का बिल बकाया होने की वजह से उसके परिजनों को सौंपने से कथित तौर पर मना कर दिया. इसके बाद अधिकारियों ने गुरुवार को इस घटना की जांच के आदेश दिये हैं. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि अस्पताल प्रबंधन ने शव के बदले में उनकी कार को ‘जब्त’ कर लिया, और उन्हें बकाया बिल का भुगतान करने पर ही वाहन वापस लेने को कहा. खबरों के जरिये इस कथित घटना का पता चलने पर वलसाड जिले के जिलाधिकारी आरआर रावल ने इस घटना की जांच के आदेश दिये.
जिलाधिकारी ने कोरोना वायरस मरीजों का इलाज करने के लिए 21वीं सेंचुरी अस्पताल को दी गई अनुमति को भी रद्द कर दिया. रावल ने कहा, ‘‘इसके अलावा, यह भी जांच का विषय है कि अगर महिला को एक संदिग्ध कोरोना वायरस मरीज के रूप में भर्ती कराया गया था तो अस्पताल ने शव परिजनों को कैसे सौंप दिया. हम जांच रिपोर्ट मिलने के बाद अस्पताल के खिलाफ उचित कार्रवाई करेंगे.” महिला के रिश्तेदार संजय हलपाति ने बताया कि कोरोना वायरस की संदिग्ध मरीज महिला को 31 मार्च को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उसकी 12 अप्रैल को मौत हो गई. उन्होंने बुधवार को पत्रकारों से कहा, ‘‘हमने दाखिले के समय अस्पताल में 40,000 रुपये जमा किए थे. उसकी मृत्यु के बाद, जब हमने शव देने की मांग की, तो अस्पताल प्रबंधन ने हमें पहले बकाया राशि देने को कहा. उन्होंने हमें धमकी दी कि यदि हम बकाया राशि नहीं देते है तो अस्पताल शव का अंतिम संस्कार कर देगा.”
गुजरात के अस्पताल ने कोविड-19 के संदिग्ध मरीज का शव देने से ‘इनकार’ किया,