गर्लफ्रेंड को मारा, शहर से दूर जलाया, सबूत भी मिटा दिए.. लेकिन ट्रॉली बैग के ब्रांड ने खोल दिया राज

गुजरात के राजकोट में एक महिला की हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है. महिला के लिव-इन पार्टनर से गुस्से में आकर उसका गला दबा दिया. दो दिनों तक लाश को घर के अंदर की छिपाए रखा. जब दुर्गंध आनी शुरू हुई तो उसने लाश को ठिकाने लगाने की सोची. लिव-इन पार्टनर ने एक ट्रॉली बैग में महिला के शव को भरा और अपनी एसयूवी गाड़ी में रखकर एक सुनसान जगह पर ले गया, जहां उसने लाश को ठिकाने लगाने के लिए उस पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी और वहां से वापस आ गया. हालांकि महिला का पूरा शव नहीं जल पाया था. पुलिस को उसका अधजला शव मिला. पुलिस ट्रॉली बैग के ब्रांड की मदद से हत्यारे लिव-इन पार्टनर तक पहुंच पाई.

दरअसल, राजकोट के एक होटल में काम करने वाले मेहुल चोटलिया (32) का अल्पा उर्फ आयशा मकवाना नाम की महिला के साथ अफेयर था. दोनों करीब 18 महीने से साथ में लिव-इन रिलेशनशिप में रहते थे. इसी महीने 9 अक्टूबर को राजकोट शहर से सटे पदधारी गांव के पास आयशा मकवाना का अधजला शव मिला था. गांव वालों ने जब शव देखा तो पुलिस को सूचना दी. सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और फॉरेंसिक टीम को बुलाकर घटनास्थल पर जांच कराई. फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य इकट्ठा किए.

इस मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने में पुलिस और फॉरेंसिक टीम लग गई. जैसा कि आयशा मकवाना के बारे में किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं थी. पुलिस को घटनास्थल के पास से जला हुआ ट्रॉली बैग और एसयूवी गाड़ी के पहियों के निशान मिले थे. हालांकि पुलिस के हाथ एक ऐसा सबूत लगा, जिसने उसे हत्यारे तक पहुंचा दिया. दरअसल, जो ट्रॉली बैग पुलिस को मिला था, वो एक ब्रांडेड कंपनी का था और काफी महंगा था. राजकोट में इस ब्रांड की कुछ ही दुकानें थीं.

27 लोगों ने खरीदा था बैग, इन्हीं में एक निकला आरोपी
पुलिस ने इन दुकानों पर जाकर पूछताछ की और पता लगाया कि अभी हाल किन-किन लोगों ने इस ब्रांड का ट्रॉली बैग लिया है तो पता चला कि 27 लोगों ने हाल ही में ये बैग खरीदा था. पुलिस ने उनके कॉन्टैक्ट नंबर लेकर उनसे बैग के बारे में जानकारी ली और पूछा कि क्या आपके पास खरीदा हुआ बैग मौजूद है. इस पर 26 लोगों ने अपने-अपने बैग दिखा दिए. अब 27वें शख्स यानि की आयशा मकवाना के लिव-इन पार्टनर मेहुल चोटलिया के पास पुलिस जब पहुंची तो उसने बैग दिखाने में आनाकानी की. वह तरह-तरह के बहाने बनाने लगा.

गाड़ी देखते ही पुलिस का शक गहरा गया
पुलिस को मेहुल चोटलिया पर शक गहरा गया. फॉरेंसिक जांच के दौरान पुलिस टीम को घटनास्थल पर एसयूवी गाड़ी के पहियों के निशान भी मिले थे. पुलिस ने जब उससे पूछा तो क्या तुम्हारे पास कोई गाड़ी है तो मेहुल ने अपनी एसयूवी गाड़ी के बारे में पुलिस को बताया. गाड़ी देखते ही पुलिस का शक मेहुल पर गहरा गया. पुलिस ने उसको हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की तो सारा सच सामने आ गया.

आरोपी ने बताया क्यों मारा लिव-इन पार्टनर को?
मेहुल चोटलिया ने पुलिस को बताया कि वह और आयशा गांधीग्राम इलाके के आत्मान अपार्टमेंट में रहते थे. छह अक्टूबर को दोनों का आपसी झगड़ा हुआ था. झगड़े के दौरान आयशा मकवाना ने उसे थप्पड़ मार दिया था, जिसके बाद वह गुस्से में आ गया और आशया की गला घोंटकर हत्या कर दी. हत्या करने के बाद शव को दो दिनों तक अपने घर में ही रखा. हालांकि, जब शव सड़ने लगा और दुर्गंध आने लगी तो उसने इसे ठिकाने लगाने का फैसला किया. उसे डर था कि पड़ोसी पुलिस को जानकारी दे देंगे.

चूंकि आशया का कद छोटा था, इसलिए उसके मन में ट्रॉली बैग में भरकर जलाने का विचार आया. उसने एक शॉप से बैग लिया. साथ में एक दुकान से लकड़ी भी खरीदी. मेहुल ने बताया कि आठ अक्टूबर की रात को उसने बैग में आशया की लाश को भरा और अपनी एसयूवी गाड़ी में रख लिया. गाड़ी को वह पदधारी गांव के पास एक सुनसान जगह पर ले गया. यहां उसने बैग पर लकड़ी के टुकड़े रखे और पेट्रोल डालकर आग लगा दी.

आरोपी मेहुल के खिलाफ तस्करी के केस पहले से दर्ज
पदधारी पुलिस स्टेशन के जांच अधिकारी जीजे जाला ने बताया कि महिला के अधजले शव की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ गई है. रिपोर्ट में पता चला है कि उसकी उम्र 18 साल से 30 साल के बीच हो सकती है. जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि वह अहमदाबाद के पास मोरैया गांव की मूल निवासी थी. महिला के घरवालों के बारे में जानकारी की जा रही है. ये भी जानकारी मिली है कि मेहुल चोटालिया के खिलाफ राजकोट ग्रामीण के कुछ पुलिस स्टेशनों में अवैध तस्करी के तहत मामले दर्ज हैं.

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