सुप्रीम कोर्ट में आज चार अहम मामलों पर सुनवाई करेगा, जिन पर फैसले से व्यापक असर पड़ेगा. शीर्ष अदालत आज जिन अहम मामलों की सुनवाई करेगी, उनमें मैरिटल रेप केस (Marital Rape Case), पालघर साधु हत्याकांड (Palghar Sadhu Murder), यूक्रेन के भारतीय मेडिकल छात्रों (Indian Medical Students from Ukraine) का मामला और केंद्र-राज्यों के मान्यता प्राप्त स्कूलों के लिए कॉमन ड्रेस कोड (Common Dress Code) का मामला शामिल है.
मैरिटल रेप केस में 11 मई को दिल्ली हाईकोर्ट के दो जजों ने अलग-अलग फैसले दिए थे, जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में आया. शीर्ष अदालत यह तय करेगी कि पति-पत्नी के बीच जबरन यौन संबंध रेप माना जाएगा या नहीं. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर देशभर की निगाहें टिकी हैं.
पालघर साधु हत्याकांड
पालघर साधु हत्याकांड मामले की जांच सीबीआई करेंगी या नहीं, इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट फैसला लेगा. 16 अप्रैल 2020 को महाराष्ट्र के पालघर में जूना अखाड़े के दो साधुओं 35 वर्षीय महंत सुशील गिरी, 65 वर्षीय महंत कल्पवृक्ष गिरी और 30 वर्षीय ड्राइवर निलेश तेलगडे की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. वारदात का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें देखा गया था कि महंत कल्पवृक्ष गिरि जान बचाने के लिए एक पुलिसकर्मी का हाथ पकड़कर चल रहा था लेकिन पुलिसवाले ने कथिततौर पर उनका हाथ छुड़ाकर उन्हें भीड़ के हवाले कर दिया था. इसके बाद भीड़ ने उनकी हत्या कर दी. 2020 में तत्कालीन महाराष्ट्र सरकार ने मामले की सीबीआई जांच का विरोध किया था. महाराष्ट्र सरकार का कहना था कि मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है.
यूक्रेन में पढ़ने वाले भारतीय मेडिकल छात्रों का मामला
फरवरी में रूस के यूक्रेन पर आक्रमण शुरू करने के बाद भारत समेत कई देशों के मेडिकल छात्र अपने देश वापस आ गए थे. ऐसे भारतीय छात्र अब अपने देश के मेडकल कॉलेजों में उन्हें दाखिला दिए जाने की मांग कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट आज इस मामले पर सुनवाई करेगा. मामले को लेकर केंद्र सरकार का कहना है कि कानून के मुताबिक, इन छात्रों को दाखिला दे पाना संभव नहीं है. छात्रों को लेकर कहा जा रहा है कि उन्हें ऐसी व्यवस्था के बारे में बताया गया है कि यूक्रेन के कॉलेज से सहमति लेकर वे किसी और देश में अपनी पढ़ाई पूरी कर सकते हैं और डिग्री हासिल कर सकते हैं.
कॉमन ड्रेस कोड मामला
सुप्रीम कोर्ट आज कॉमन ड्रेस को की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय के 18 वर्षीय बेटे और लॉ स्टूडेंट निखिल उपाध्याय ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर केंद्र और राज्यों के सभी मान्यता प्राप्त स्कूलों के लिए कॉमन ड्रेस कोड की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि कॉमन ड्रेस कोड से छात्रों में समानता, सामाजिक एकता और राष्ट्रीय एकता की भावना पैदा होगी. कर्नाटक के हिजाब विवाद के बाद कॉमन ड्रेस कोड के मामले पर बहस छिड़ गई थी.