दिसपुरः बीजेपी के नेता हेमंत बिस्वा सरमा असम को असम का मुख्यमंत्री बनाया गया है. राज्यपाल जगदीश मुखी ने उन्हें शपथ दिलाई. श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में नए मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण हुआ. रविवार के दिन हेमंत विस्वा सरमा को सर्वसम्मति से बीजेपी विधायक दल और उसके बाद फिर असम में एनडीए विधायक दल का नेता चुना गया था. उनके शपथ ग्रहण समारोह में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल हुए. सरमा के साथ-साथ कई मंत्रियों को भी शपथ दिलाई गई.
कौन हैं हिमंत बिस्वा सरमा
हिमंत बिस्वा सरमा असम की जालुकबारी विधानसभा सीट से लगातार पांचवीं बार विधायक चुने गए हैं. हिमंता बिस्वा शर्मा ने इस बार कांग्रेस के उम्मीदवार रामेन चंद्र बोर ठाकुर को हराकर विधानसभा पहुंचे हैं. इससे पहले वह सोनोवाल सरकार में मंत्री रह चुके हैं.
हिमंत ने सरकारी लॉ कॉलेज से एलएलबी किया और गुवाहाटी कॉलेज से पीएचडी की उपाधि हासिल की है. वह साल 1996 से लेकर 2001 तक गुवाहाटी हाईकोर्ट में प्रैक्टिस भी कर चुके हैं.
हिमंत बिस्वा सरमा पहले कांग्रेस पार्टी में थे लेकिन कुछ मतभेद होने के बाद उन्होंने साल 2015 में पार्टी छोड़ दी थी और बीजेपी में शामिल हो गए थे. खबर आई थी कि पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के साथ राजनीतिक मतभेदों के बाद उन्होंने यह कदम उठाया था.
एनडीए को दूसरी बार बहुमत
राज्य विधान सभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री कौन बनेगा इसके लिए बैठकों का दौर जारी था. एक हफ्ते तक चली अलग-अलग बैठकों के बाद यह तय हुआ कि सरमा राज्य के नए मुख्यमंत्री बनेंगे.
बता दें कि हाल में हुए असम विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आई है. विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी एनडीए को लगातार प्रदेश में दूसरी बार स्पष्ट बहुमत मिला है.
बैठक में सर्बानंद सोनोवाल ने सरमा के नाम का प्रस्ताव रखा और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रंजीत कुमार दास और हाफलांग से नव निर्वाचित विधायक नंदिता गार्लोसा ने उनके प्रस्ताव का समर्थन किया. बैठक में किसी भी अन्य नेता के नाम का प्रस्ताव नहीं रखा गया जिसके बाद साफ हो गया कि सरमा राज्य के अगरले मुख्यमंत्री होंगे.
बीजेपी ने किया 60 सीटों पर कब्जा
सत्ताधारी एनडीए गठबंधन राज्य की पहली गैर कांग्रेसी सरकार होगी जिसने प्रदेश में लगातार दूसरी बार चुनावों में जीत हासिल की है. बीजेपी ने 126 सदस्यीय विधानसभा में 60 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि उसकी गठबंधन सहयोगी असम गण परिषद ने नौ और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल ने छह सीटों पर जीत हासिल की है.